नई दिल्ली ( ब्यूरो ) :अमेरिका के राष्ट्रपति ने टैरिफ का ऐलान कर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है. ग्लोबल अर्थव्यवस्था उनके ऐलान से हिली है. भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है. वहीं जिम्बाब्वे ने ट्रंप प्रशासन के सामने झुकते हुए अमेरिकी आयात पर टैरिफ हटाने की घोषणा कर दी है. दूसरी ओर, कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने चेतावनी दी है कि ये टैरिफ न केवल कनाडा बल्कि अमेरिका के लिए भी आत्मघाती साबित होंगे. ट्रंप का दावा है कि यह कदम अमेरिका को ‘पहले से कहीं ज्यादा धनी’ बनाएगा, लेकिन दुनिया के बाजारों की प्रतिक्रिया और ग्लोबल लीडर्स के बयान कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.

ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में अफरा-तफरी मच गई है. सोमवार को एशिया के बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जहां जापान का निक्केई 225 6.3% और हांगकांग का हैंग सेंग 10% नीचे लुढ़क गया. भारतीय बाजार भी खुलने के साथ 5 फीसदी तक गिर गया. अमेरिका में शुक्रवार को सभी प्रमुख स्टॉक इंडेक्स 5% से ज्यादा गिरे, जिसमें S&P 500 को 2020 के बाद का सबसे खराब सप्ताह झेलना पड़ा. जेपी मॉर्गन ने चेतावनी दी है कि इन टैरिफ्स के चलते अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की संभावना 60% तक बढ़ गई है.

सोमवार सुबह बाजार खुलते ही सेंसेक्‍स 3692 अंक और निफ्टी 1142 अंकों के नुकसान पर कारोबार करते दिखे. इससे पहले एशिया और यूरोप सहित अमेरिकी बाजारों में भी जबरदस्‍त गिरावट दिखी थी.

टैरिफ का असर ग्‍लोबल मार्केट पर बखूबी दिख रहा है. अमेरिका के प्रमुख स्‍टॉक एक्‍सचेंज एसएंडपी 500 फ्यूचर्स के अस्थिर व्यापार में 4.31% की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक फ्यूचर्स 5.45% गिर गया, जिससे पिछले सप्ताह के लगभग 6 ट्रिलियन डॉलर (516 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है. जापान का निक्केई 7.8% गिरकर 2023 के अंत में देखे गए निचले स्तर पर आ गया, जबकि दक्षिण कोरिया ने 4.6% बाजार खो दिया दिया है.

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) इस हफ्ते ब्याज दरों में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती कर सकता है, क्योंकि देश में महंगाई कम हुई है. यदि ऐसा होता है तो बाजार में पैसा अधिकता में पहुंचेगा और ग्रोथ का पहिया तेजी से घूमने की उम्मीद रहेगी. हालांकि, विशेषज्ञ इस बारे में एकमत नहीं हैं कि क्या RBI अपनी मौद्रिक नीति (मॉनेटरी स्टांस) में भी बदलाव करेगा, क्योंकि वैश्विक व्यापार और वित्तीय बाजारों में टैरिफ वॉर के कारण अभी बहुत तनाव बना हुआ है.

  मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर सोमवार को BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर 13% गिरकर ₹2,207.30 के निचले स्तर पर पहुंच गए. यह गिरावट तब हुई जब सरकार ने घोषणा की कि वह कंपनी में अपनी 1.18% अतिरिक्त हिस्सेदारी (स्टेक) बेचने के लिए ओवरसब्सक्रिप्शन ऑप्शन का इस्तेमाल करेगी. यह ऑप्शन तब इस्तेमाल होता है, जब शेयर की मांग ज्यादा हो तो अतिरिक्त शेयर बेचे जाते हैं. यह शेयर ऑफर फॉर सेल  के माध्यम से किया जा रहा है, जो पहले से चल रहा है.

कोटक सिक्योरिटीज ने टाटा मोटर्स की रेटिंग को ‘’ से घटाकर ‘ कर दिया है. आज बाजार की बड़ी गिरावट के बीच यह शेयर 9.99 फीसदी टूटकर लोअर सर्किट पर खड़ा है. फिलहाल इसका प्राइस 553.15 रुपये है.

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को 5 साल की सबसे बड़ी गिरावट दिखी. प्री-ओपनिंग में करीब 4000 अंकों की गिरावट झेल चुका सेंसेक्‍स सुबह 9.21 बजे 3224 अंंकों की गिरावट के साथ 72,130 अंकों पर ट्रेडिंग कर रहा था. यह कोरोनाकाल में मार्च और अप्रैल, 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दिखी है.

भारत के तीसरे स्‍टॉक एक्‍सचेंज गिफ्ट निफ्टी पर भी आज बड़ी गिरावट दिखी और सुबह 7.20 बजे ही गिफ्ट निफ्टी में 900 अंकों की गिरावट दिख रही है और 22,130 अंकों पर बाजार ट्रेड करता दिखा.

अमेरिकी बाजार डाउ जोंस 7 अप्रैल को 1.97 फीसदी गिरा तो एसएंडपी 500 में 5.97 फीसदी की गिरावट दिख रही है. इसके अलावा नैस्‍डैक पर 5.73 फीसदी की बड़ी गिरावट है. यूरोपीय बाजारों को देखें तो ब्रिटेन में 5.21 फीसदी, जर्मनी में 4.45 फीसदी और फ्रांस के शेयर बाजार में 5.21 फीसदी की जोरदार गिरावट दिख रही है

अमेरिका और यूरोप के शेयर बाजारों में आई गिरावट का असर एशियाई बाजारों पर भी बखूबी दिख रही है. आज भारत का गिफ्ट निफ्टी 3.58 फीसदी गिरावट पर कारोबार कर रहा तो जापान का निक्‍केई 5.90 फीसदी टूट चुका है. हांगकांग का हेंगसेंग बाजार 9.81 फीसदी की गिरावट पर कारोबार कर रहा तो ताइवान का बाजार 10.64 फीसदी के नुकसार पर ट्रेडिंग कर रहा है. दक्षिण कोरिया का कॉस्‍पी भी 4.16 फीसदी के नुकसान पर कारोबार करता दिखा. चीन का शंघाई कंपोजिट भी 6.80 फीसदी के नुकसान पर है.

एशिया और यूरोप के अन्‍य छोटे बाजारों पर भी आज बिकवाली का दबाव है. सिंगापुर की मार्केट 7 फीसदी टूटकर ट्रेडिंग कर रही तो मलेशिया के बाजार में 4.2 फीसदी की गिरावट है. ऑस्‍ट्रेलिया का शेयर बाजार भी 4.1 फीसदी गिरकर ट्रेडिंग कर रहा है. इसके अलावा फिलीपींस में 4 फीसदी तो न्‍यूजीलैंड के बाजार में 3.6 फीसदी की गिरावट दिख रही है.

 

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