
नई दिल्ली: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी आज यानी 02 मार्च को चतुर्थी और पंचमी तिथि है। चैत्र नवरात्र के दौरान चतुर्थी तिथि पर मां कूष्मांडा की पूजा और पंचमी तिथि पर स्कंदमाता की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन व्रत करने से साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं। पंचांग के अनुसार, 02 अप्रैल को कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। आइए पढ़ते हैं आज का
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 10 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 40 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर
चंद्रास्त- शाम 10 बजकर 25 मिनट पर
वार – बुधवार
ऋतु – वसंत
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 24 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 38 मिनट से 07 बजकर 01 मिनट तकअशुभ समय
राहुकाल – दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट तक
गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 25 मिनट तक
दिशा शूल – उत्तर
नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल – भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम – वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीनमाता कूष्मांडा का ध्यान मंत्र
वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
भास्वर भानु निभां अनाहत स्थितां चतुर्थ दुर्गा त्रिनेत्राम्।
कमण्डलु, चाप, बाण, पदमसुधाकलश, चक्र, गदा, जपवटीधराम्॥
पटाम्बर परिधानां कमनीयां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर, किंकिणि रत्नकुण्डल, मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदनांचारू चिबुकां कांत कपोलां तुंग कुचाम्।
कोमलांगी स्मेरमुखी श्रीकंटि निम्ननाभि नितम्बनीम्