नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद भवन में मुलाकात की और उनको लोकसभा में जीत की बधाई दी. अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है और दिल्ली के विकास के लिए केंद्र और राज्य को दोनों को मिलकर काम करना चाहिए. दिल्ली भी केंद्र के साथ मिलकर काम करेगी और उम्मीद है कि केंद्र भी दिल्ली को पूरा सहयोग देगा.
अरविंद केजरीवाल ने यमुना के पानी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली में जो पानी एलोकेशन हुआ था वह 1994 में हुआ था. उसके बाद दिल्ली की आबादी दोगुनी हो गई है. उस वक्त दिल्ली की आबादी कम थी, जब पानी दिया गया था इसलिए दिल्ली में पानी की समस्या है पानी की कमी है. यमुना में जो पानी बह जाता है उसका पूरी योजना हमारे पास है. यमुना के दोनों तरफ लेक बनाई जाए पानी स्टोर किया जाए. इससे पूरे साल दिल्ली वालों को पानी की परेशानी नहीं होगी. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अभी बरसात में 1 महीने का समय है तो इस वक्त कुछ किया जा सकता है. ताकि दिल्ली वाले परेशानी से बच सकें.
सीएम अरविंद केजरीवाल और पीएम नरेंद्र मोदी के रिश्ते तल्खी भरे रहे हैं. केजरीवाल ने पीएम मोदी पर काम नहीं करने देने के आरोप कई बार लगाए हैं. अफसरों के ट्रांसफर और नियुक्ति के मामले को लेकर केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर फैसला आना बाकी है. एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग में भी अरविंद केजरीवाल नहीं आए थे. उम्मीद है कि दोनों नेताओं के बीच बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
इससे पहले दिल्ली सरकार की अगले तीन महीने में महिलाओं के लिए डीटीसी बसों, क्लस्टर बसों और दिल्ली मेट्रो में मुफ्त यात्रा की योजना की मोदी सरकार ने आलोचना की थी. केजरीवाल ने कहा था कि सभी महिलाएं डीटीसी बसों, क्लस्टर बसों और मेट्रो में मुफ्त यात्रा का फायदा उठा सकती हैं. उन्होंने कहा था कि अगले 2-3 महीने में यह योजना लागू कर दी जाएगी. इस योजना से दिल्ली सरकार पर 700 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्चा आएगा. केजरीवाल ने साथ में यह भी कहा था कि इसके लिए केंद्र सरकार से किसी तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं है.
इस पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप एस. पुरी ने कहा कि उन्हें महिलाओं को मुफ्त यात्रा संबंधी कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार के पास 50,000 करोड़ का बजट है, जिसका इस्तेमाल उसने स्वच्छ भारत या आयुष्मान भारत योजना में नहीं किया, लेकिन मुफ्त सवारी के लिए 2,500 रुपये की सब्सिडी देना चाहती है.