अमृतसर : गुरु नगरी में कमिश्नरेट पुलिस एक तरफ तो शहर में नशे और जिस्मफिरोशी के गोरख धंधे पर नकेल कसने के बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सच्चाई इसके बिलकुल विपरीत है। सूत्रों की माने तो शहर का कोई भी इलाका हो (चाहे स्लम हो या फिर पॉश) हर तरफ ही नशे की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। सोशल मीडिया पर आए दिन युवा-युवतियों के नशे में चूर होने के वीडियो वायरल होना प्रमुख प्रमाण है।
हालांकि सरकार भी नशे की लत को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है, लेकिन समय के साथ बड़े-बड़े नशों (स्मैक, चिट्टा, टीकों) की बिक्री में जबरदस्त वृद्धि हुई है। पहले अनगढ़ क्षेत्र को नशे की मंडी के नाम से जाना जाता था, परंतु अब तो शहर के हरेक इलाकें में यही हाल बना हुआ है। जानकारी अनुसार शहर के रामबाग इलाके के इर्द-गिर्द के इलाकों में नशों तथा जिस्मफिरोशी का धंधा बड़े स्तर पर अंदरखाते इलाके अधीन आते होटलों में चल रहा है।अगर शहर के प्रमुख एंट्री स्थल की बात करे तो शहर का मुख्य बस अड्डा भी रामबाग इलाके के पास ही आता है। बस अड्डे से प्रतिदिन एक लाख के लगभग यात्री सफर करते है। यह सारा इलाका थाना रामबाग के अधीन आता है और बस अड्डे में अलग से एक पुलिस चौकी भी बनाई हुई है लेकिन हैरानी की बात है कि बस अड्डे व रामबाग इलाके के आसपास के इलाकों में अवैध शराब और अन्य नशीले पदार्थों का कारोबार खूब फल-फूल रहा है। जानकारी के मुताबिक बांसा वाला बाजार के पास कोई भी आम आदमी सड़क पर 5-10 मिनट तक खड़ा रहता है तो कुछ लोग (अवैध शराब बेचने वाले तस्कर खुद ही) सीधे ही उससे आवाज लगाकर पूछेगें कि नाजायज शराब चाहीदी है और किनी चाहीदी है