डोडा : पत्नी के जन्मदिन पर छुट्टी लेकर घर आने वाले सिपाही अजय सिंह नरुका ने देश पर बलिदान दिया। सोमवार को पत्नी का जन्मदिन था, लेकिन रविवार को जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान अजय को गोली लग गई। अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।जब पत्नी को पति के शहीद होने की खबर मिली, तो वह बेहोश हो गई। जब होश आया, तो उसने कहा, “मैंने जन्मदिन मनाने के लिए आने को कहा था, ऐसे नहीं आना था।” अंतिम बार फोन पर बातचीत में अजय ने कहा था कि वह घर आ रहा है, लेकिन आतंकियों के साथ मुठभेड़ में उनकी जान चली गई। अजय की शहादत पर गर्व है, लेकिन पत्नी का कहना है कि इस दिन ऐसी खबर नहीं चाहिए थी।सिपाही अजय सिंह नरुका (24) का जन्म झुंझुनू, राजस्थान में हुआ था। वे तीन महीने पहले घर आए थे। उनके परिवार में पत्नी शालू कंवर, माता-पिता कमल सिंह और सलोचना देवी शामिल हैं। अजय और शालू की शादी दो साल पहले हुई थी, लेकिन उनके अभी बच्चे नहीं हैं।रविवार रात को डोडा जिले में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। सुरक्षा बलों ने पुलिस के साथ मिलकर सर्च ऑपरेशन चलाया, तभी आतंकियों ने जवानों पर हमला कर दिया। इस मुठभेड़ में जम्मू पुलिस कर्मी सहित चार जवान शहीद हुए और पांच अन्य घायल हुए। आतंकी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे।अजय के चाचा ओम प्रकाश राजस्थान पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक हैं। उन्होंने बताया कि अजय ने फोन पर बताया था कि मुठभेड़ चल रही है, लेकिन वह ठीक हैं। अजय का छोटा भाई करण वीर बठिंडा के एम्स में MBBS कर रहा है। अजय के एक चाचा सुजान सिंह BSF में थे और 2021 में माओवादी हमले में शहीद हुए थे। सिपाही अजय सिंह नरुका की शहादत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि हमारे जवान देश की सुरक्षा के लिए कितने समर्पित हैं। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा, और उनका परिवार गर्व के साथ उनकी शहादत को स्वीकार करता है।
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