कल रात जालंधर के एक निजी हस्पताल “दिल्ली क्लिनिक” के डॉक्टर अनिल खुराना जोकि सिक्का हॉस्पिटल, जालंधर के Ex. Medical Officer भी रह चुके हैं, की लापरवाही से करीब एक साल की बच्ची की मौत हो गई| लड़की का नाम अनन्या पुत्री पिंटू निवासी न्यू करतार नगर बताया जा रहा है| मृतक बच्ची के पिता एक दिहाड़ीदार है| लड़की के पिता ने पहले तो हस्पताल वालों का विरोध किया लेकिन फिर हस्पताल वालों ने लड़की के माता पिता को 50,०००/- रूपये का लालच दे कर मामला रफा दफा करने की कोशिश की जिसे वो मान भी गए थे| लेकिन मौके पर कुछ पत्रकारों की कोशिशों से मृतक बच्ची के शव को सिविल हॉस्पिटल ले कर जाया गया| वहां पर भी मामले को रफादफा करने की तमाम कोशिशें की गई|पहले तो पुलिस भी इस मामले को दबाने की और डॉक्टर का बचाव करती नज़र आई पर बाद में अन्तः शव का पोस्टमार्टम कर दिया गया|इस सम्बन्ध में जब डॉक्टर अनिल खुराना से मिल कर पूरे मामले के बारे में बात करने की कोशिश पत्रकारों द्वारा की गई तो उन्होंने हरेक पत्रकार को अलग अलग बहाना बना कर मिलने से मना कर दिया|
पोस्टमार्ट के बाद बच्ची के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया गया| अब आगे की करवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी|इस सारे घटनाक्रम में कुछ बातें बहुत अजीब सी लगी| एक तो ये कि डॉक्टर तो डॉक्टर पर मृतक लड़की के माँ बाप और पुलिस प्रशासन ने भी मामले को दबाने की पूरी कोशिश की|दूसरी यह की वैसे तो माँ को ठंडी छाँव कहा जाता है लेकिन उस बच्ची के माँ बाप की आँखों में एक भी आंसू और माथे पर एक भी शिकन तक नहीं थी| यह बात बहुत हैरान करने वाली है कि एक ऐसा राज्य जहाँ पर श्रीमती हरसिमरत कौर बादल “नंनी छाँव” जैसी संस्था चला रही हैं जिसका मक़सद बच्चियों की रक्षा करना है, वहाँ करीब एक साल की बच्ची की जान की कीमत 50,०००/- रूपये लगा दी जाती है?