जालंधर ने 18 मार्च,(नितिन ) 2023 को “डायस्पोराट्रांसनेशनलिज्म एंड नेशनल माइग्रेशन ऑफ इंडियन पंजाबी पॉपुलसस्ट्रगल एंड ट्रांसफॉर्मेशन” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया।  सेमिनार के मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ.) मधु पराशरपूर्व प्राचार्यदेव समाज महिला कॉलेजफिरोजपुर थे।  अपने संबोधन में उन्होंने भारतीयकरणपारिवारिक बंधनों और मानसिक संतुलन पर जोर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके भगवान के आशीर्वाद से की गई। जिसके बाद श्री नरेश कुमार बुधिया अध्यक्षशासी निकाय के साथसाथ मुख्य संरक्षकश्री विनोद दादाशासी निकाय के वरिष्ठ उपाध्यक्षसंयोजक और प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) पूजा पराशर द्वारा गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया।  सेमिनार के संयोजक श्रीमती उजला दादा जोशीविभागाध्यक्ष एवं एसोसिएट प्रोफेसरअंग्रेजी विभाग से थे। योग्य प्रधानाचार्य ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया और संस्थान के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया।  श्रीमती उजला दादा जोशीप्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर ने उद्घाटन भाषण दिया जिसमें उन्होंने संगोष्ठी के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। प्रो. (डॉ.) मनिंदर सिंह रंधावापूर्व प्रोफेसर और समाजशास्त्र विभाग के प्रमुखपंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला ने मुख्य भाषण दिया और दर्शकों को गैंगस्टरिज्म और ड्रग आतंकवाद पर अपने उल्लेखनीय विचारों से अवगत करायाजो युवाओं को पलायन करने के लिए मजबूर करता है।  अपनी सांस्कृतिक और भाषाई जड़ों के संपर्क में रहने की आवश्यकता है। तकनीकी सत्र के दौरान पहले स्त्रोत्वक्ता डॉ.नरिंदर नेबपूर्व एसोसिएट प्रोफेसरअंग्रेजी विभागडीएवी कॉलेजजालंधर थे।  उन्होंने ने अपने विष्य “प्रवास ” जिसमे घर की इच्छाअविश्वास की भावना और निर्वासन थीं। तकनीकी सत्र की दूसरी रिसोर्स पर्सन डॉशेफाली चौहानअसिस्टेंट प्रोफेसरइतिहास विभागगुरु नानक देव यूनिवर्सिटीअमृतसर थीं।  उन्होंने डायस्पोरा के संदर्भ में दलित परिप्रेक्ष्य पर विस्तार से बताया। प्रोफेसर डॉ रवींद्र सिंहपंजाबी विभागदयाल सिंह कॉलेजदिल्ली विश्वविद्यालयनई दिल्ली दिन के समापन वक्ता थे।  उन्होंने हिंदू संस्कृति के बारे में चर्चा की कि कैसे इसे पश्चिमी सभ्यता द्वारा हेय दृष्टि से देखा जाता है और सामाजिक संरचनाओं को बदलने की जरूरत है। इस शुभ अवसर पर विशिष्ट विद्वानों के 39 शोध पत्रों वाली एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। संगोष्ठी के संयोजक श्रीमती आबरू शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।  सेमिनार को प्रतिभागियों से प्रभावशाली प्रतिक्रिया मिली।  इसने सीखने के अनुभव और सभी के लिए विचारों के संसाधनपूर्ण आदानप्रदान के रूप में कार्य किया। अध्यक्ष श्री नरेश कुमार बुधियावरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री विनोद दादाप्रबंध समिति के अन्य गणमान्य सदस्य एवं योग्य प्राचार्य डॉप्रो.  पूजा पाराशर ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए अंग्रेजी विभाग को बधाई दी।

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