जालन्धर : आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। यह दिन स्कंदमाता को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भक्ति भाव से देवी स्कंदमाता की पूजा की जा रही है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत रख रहे हैं। देवी स्कंदमाता की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में देवी स्कंदमाता की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 07 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रही है और 08 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 48 मिनट पर पंचमी तिथि समाप्त होगी। आज विनायक चतुर्थी भी है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर भगवान गणेश और स्कंदमाता की पूजा कर सकते
शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन दुर्लभ भद्रावास योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इनमें प्रातः काल में प्रीति योग का संयोग है। इसके बाद दुर्लभ आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में मां पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि पर बव और बालव करण का निर्माण हो रहा है। आज अनुराधा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके अलावा, शिववास योग का संयोग बन रहा है। शिववास योग का निर्माण सुबह 09 बजकर 48 मिनट से हो रहा है। इस दौरान भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे।
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजे…
चन्द्रोदय- सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर
चन्द्रास्त – शाम 08 बजकर 33 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 28 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से 02 बजकर 52 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजे से 06 बजकर 24 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – सुबह 07 बजकर 45 मिनट से 09 बजकर 13 मिनट तक
गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 04 मिनट तक
दिशा शूल – पूर्व
अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद