जालन्धर, ८ सितंबर : इनोसैंट हाट्र्स
कालेज ऑफ एजुकेशन, जालन्धर के विद्यार्थी-
अध्यापकों ने यूनेस्को द्वारा दी गई २०२१ की थीम
‘मानव-केन्द्रित रिकवरी के लिए साक्षरता,
डिजिटल विभाजन को संक्रीर्ण करनाÓ के साथ
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया। इस
आयोजन का  उद्देश्य जनसंचार मीडिया के
माध्यम से साक्षरता के महत्व को फैलाना था।
विद्यार्थी-अध्यापकों द्वारा वास्तविक जीवन की स्थितियों
को दर्शाने वाले विभिन्न दृश्यों के साथ एक
आभासी नाटक का अभिनय किया गया। अंकिता
सूरी ने कथावाचक के रूप में अभिनय किया।
सुरभि शर्मा, कृतिका मागो, दीक्षा, अमनप्रीत कौर,
ऋचा धीर, कीरतप्रीत कौर, रमनदीप कौर,
इमानदीप कौर व तनीषा ने अनपढ़ और साक्षर
व्यक्तियों की भूमिका निभाई। विभिन्न दृश्यों के
माध्यम से उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश
डाला। एक दृश्य में उन्होंने दिखाया कि कैसे एक
शिक्षित महिला ने एक अशिक्षित महिला को
किराना दुकानदार द्वारा मूर्ख बनाने से
बचाया, जो उसके मोबाइल से वन टाइम पासवर्ड
के साथ उसके डेबिट कार्ड का दुरुपयोग
करने जा रहा था। एक अन्य दृश्य में एक पढ़ी-लिखी
बेटी ने अपनी अनपढ़ मां को उसके लिए काग•ा
पढ़कर अपनी संपत्ति खोने से बचाया, जिस पर वह

अपना अंगूठा लगाने वाली थी। इस प्रकार विभिन्न
वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से विद्यार्थी-अध्यापकों ने
हमारे दैनिक जीवन में साक्षरता के महत्व पर
प्रकाश डाला। उन्होंने अपनी खुद की स्क्रिप्ट
तैयार की, संवादों की रचना की, उपयुक्त
वेशभूषा और प्रॉप्स का चयन किया, उन्होंने
एनिमेटेड बैकग्राऊंड भी साथ जोड़ी।
प्राचार्य डा. अरजिंदर सिंह ने कहा कि
नाटक में शिक्षण के रचनात्मक दृष्टिकोण को
शामिल किया जाता है, जिसमें अध्यापक एक
सूत्राधार के रूप में कार्य करता है और
विद्यार्थी अपने स्वयं के ज्ञान का निर्माण करते
हैं। ‘साक्षरता निराशा से आशा की ओर
एक पुल हैÓ पर आनलाइन नाटक लगभग वास्तविक
नाटक प्रदर्शन जैसा था, जो टीम द्वारा बहुत
अच्छी तरह से आयोजित किया गया था। सभी
प्रतिभागियों को ई-सर्टीफिकेट प्रदान किए गए

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