जालंधर:- मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर मे मां बगलामुखी जी के निमित्त सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राम्हणों द्वारा मुख्य यजमान प्रदीप चौहान से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को अमृत वचनों का ब्याखान करते हुए कहा कि भगवान के दर्शन आस्था, भक्ति, और विश्वास से प्राप्त किए जा सकते हैं। आस्था का स्थान आपका हृदय है, जिसे आप खुद ही बनाते हैं। आपकी पांचों इंद्रियों से जाने वाला कुछ भी आपकी आस्था को नहीं छू सकता क्योंकि इंद्रियों की पहुंच दिल तक नहीं है। आस्था हृदय की बुद्धिमत्ता है, जबकि विश्वास मन की। कोई भी व्यक्ति अपनी आस्था, भक्ति और मेधा के साथ भगवान के दर्शन प्राप्त कर सकता है। यह आत्मा की स्पर्श और आध्यात्मिक अनुभव के रूप में आ सकता है। ईश्वरीय आस्था से मन को जो शांति मिलती है, उससे जीवन के तनाव कम होते हैं। आस्था रखने से व्यक्ति में सदाचरण करने और लोककल्याण के काम करने की भावना आती है। अगर यह कहा जाए कि भगवान में अगर आस्था है तो उलझनों में भी रास्ता है तो कोई भी गलत बात नहीं होगी। प्रभु दर्शन के लिए पूजा-पाठ से ज्यादा मन की श्रद्धा का होना जरूरी है। आस्था और विश्वास के साथ यदि हम सच्चे मन से प्रभु का स्मरण करें तो भगवान अपने भक्त से मिलने के लिए दौड़े चले आते हैं।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि ईश्वर में आस्था रखने वाले लोग सभी प्रकार की परेशानियों से महफूज रहते हैं। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो भगवान में आस्था रखते हैं लेकिन मुसीबत आने पर विचलित हो जाते हैं परेशानी की स्थिति में कुछ लोग अपनी आस्था को कमजोर करके ईश्वर को ही जिम्मेदार ठहराते हैं जबकि ईश्वर कभी किसी के साथ बुरा नहीं करते।
उन्होंने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि भक्त एवं ईश्वर के बीच एक विश्वास की डोर होती है। इस डोर को मजबूत बनाए रहना बेहद जरूरी है, यदि ऐसा नहीं हुआ तो ईश्वर में हमारी श्रद्धा कम होती चली जाती है और हमारा जीवन दु:खमय बन जाता है। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय विश्वास यह नहीं होता कि प्रभु हमारे सभी काम पूरे करेगा, बल्कि विश्वास तो यह होता है कि ईश्वर हमारे लिए जो भी करेगा अच्छा ही करेगा।
इस अवसर पर समीर कपूर, मुनीष शर्मा,बलजिंदर सिंह, विवेक ,सरोज बाला, मनमोहन , अमरेंद्र कुमार शर्मा,रिंकू सैनी,रेखा , रोहित भाटिया,बावा खन्ना, विनोद खन्ना,सीप, गोल्डी,नवीन , सुक्खा अमनदीप,चेतन अरोडा, अवतार सैनी,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,मोहित राणा,सौरभ अरोडा, नरेश त्रेहन,हरीश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा,हैरी,अमित अग्रवाल, बाबी, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा,वरुण,विवेक शर्मा, नितिश, भोला शर्मा,गुलजार खोसला,विकास शर्मा,पंकज, अमृतपालसिंह,जानू थापर,अमित शर्मा, हंसराज,विवेक शर्मा, संदीप शर्मा, दीपक कुमार,पूनम, सौरभ, अश्विनी शर्मा ,कुलविंदर सिंह मल्ल, रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश,गौरव जोशी, प्रशांत,सौरभ मल्होत्रा,सुभाष डोगरा, ऋषभ कालिया, प्रिंस कुमार,कमल,पंकज, देवेंश, शालीन, अंकित, भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।