एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर सर्वदा न केवल विद्यार्थियों के सतत विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है बल्कि प्राध्यापकवृंद के ज्ञान में वृद्धि करने के लिए भी निरंतर प्रयासरत रहता है। इसी श्रृंखला में ‘फैशन द स्टाइलिश किलर’ पर एक दिवसीय फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन करवाया गया जिसमें स्रोत वक्ता के रूप में फैशन डिजाइन विभाग की अध्यक्ष एसोसिएट प्रोफेसर मैडम रजनी गुप्ता ने अपने विचार सभी के साथ सांझा किये। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने इस विषय की सार्थकता के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अब जिस तरह से प्रदूषण का खतरा निरंतर बढ़ता जा रहा है हमें हृह्र द्वारा सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए दिए गए सत्रह लक्ष्यों को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है। हमें न केवल जिम्मेदारीपूर्वक उत्पादन, जागरूक होकर उपभोग की आवश्यकता है बल्कि अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी में भी प्रत्येक क्षेत्र में सस्टेनेबिलिटी को अपनाने की जरूरत है। अगर हम अभी भी अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझेंगे तो भावी पीढ़ी के लिए इस धरती पर सांस लेना भी दूभर हो जाएगा। मैडम रजनी गुप्ता ने ‘फैशन द स्टाइलिश किलर’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फैशन इंडस्ट्री इस धरती पर प्रदूषण को बढ़ाने के लिए दूसरी बड़ी इंडस्ट्री है। फैशन इंडस्ट्री द्वारा बनाए गए वस्त्रों में केवल एक प्रतिशत वस्त्रों की ही रीसाइकलिंग हो पाती है, उन्होंने कहा कपड़ों को रंगने के लिए पानी में जिन रंगों का प्रयोग किया जाता है वह पानी न तो पीने लायक रहता है और न ही उससे खेती की जा सकती है, उन्होंने बताया कि फैशन इंडस्ट्री के कारण जो बड़े-बड़े उद्यमी है वह कम वेतन पर, असुरक्षित इमारतों में, दमघोटू वातावरण में कारीगरों से अपना काम करवाते हैं और कई बार इसमें बाल मजदूर भी शामिल होते हैं। मैडम रजनी ने बताया कि एक शर्ट और जीन बनाने में लगभग २०००० लीटर पानी वेस्ट होता है। उन्होंने कहा मैं मानती हूं कि आज की पीढ़ी पर सोशल मीडिया का बहुत प्रभाव है पर इसके लिए हम फैशन स्टाइलिंग का सहारा ले सकते हैं एक ही कपड़े को हम कई अलग तरीकों से प्रयोग कर सकते हैं, जरूरत पड़ने पर हम अपनी नजदीकी लोगों के साथ एक दूसरे के कपड़ों का भी प्रयोग कर सकते हैं।उन्होंने बताया कि हमें खरीदते समय यह ध्यान रखना है कि हमें कम खरीदना है पर अच्छा खरीदना है और सुरक्षित ब्रांड पर ही अपना पैसा खर्च करना है ताकि वह काफी देर तक प्रयोग हो सके। अंग्रेजी विभाग से मैडम चेतना ने श्रेष्ठ मंच संचालन करते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।डॉ ढींगरा ने फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के सफल आयोजन के लिए इंचार्ज डॉ अंजना कुमारी एवं मैडम पायल अरोड़ा के प्रयासों की सराहना की।

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