एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स, जालंधर के 7 दिवसीय एनएसएस कैंप – सप्तवरण के दूसरे दिन एनएसएस वालंटियर्स और कॉलेज के अध्यापकों ने ढूढियाल गांव का दौरा किया। यह पूरा दिन डिजिटल साक्षरता और साइबर जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पित था। कंप्यूटर विज्ञान और आईटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जगमोहन मागो ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उनसे आवश्यक सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की जो लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अपने व्यक्तिगत बैंक विवरण, ओटीपी आदि किसी के साथ साझा न करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें धोखाधड़ी वाले फोन कॉल का शिकार नहीं होना चाहिए और सभी को घोटाले की चेतावनियों के बारे में पता होना चाहिए और तुरंत इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। इसके अलावा इस बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक रैली भी निकाली गई।
कैंप के तीसरे दिन एनएसएस टीम ने कंधाला गुरु गांव का दौरा कर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया, जहां बीपी, शुगर व वजन आदि समस्याओं की जांच की गई। इस अवसर पर काॅलेज के फिजियोथेरेपी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नीरज कत्याल ने मुख्य वक्ता के रूप में ने भाग लिया। इस चिकित्सा शिविर में उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को स्वास्थ्य बनाए रखने के सुझाव दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आहार स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसलिए भोजन करते समय स्वस्थ विकल्प चुनना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मधुमेह और मोटापा ऐसी बीमारियाँ हैं जो आजकल बढ़ रही हैं। इसलिए हमें इससे बचने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए। इसके साथ ही हमें दूसरों को भी अच्छे स्वास्थ्य संबंधी सुझाव देकर प्रेरित करना चाहिए।
इस अवसर पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक रैली भी निकाली गई, जिसका उद्देश्य न केवल व्यक्ति बल्कि परिवार और अंततः पूरे समाज की भलाई है।
इसके अलावा, गांवों में जरूरतमंद लोगों को पुराने कपड़े वितरित करने के लिए एक रुपये का स्टॉल लगाया गया और इसके अलावा, प्लास्टिक कचरे के प्रति जागरूकता पैदा करने के विषय पर – जहर – नामक नाटक प्रस्तुत किया गया।
प्रिंसीपल डॉ. नीरजा ढींगरा ने विद्यार्थियों की प्रशंसा की तथा शिविर में इस प्रकार की गतिविधियां आयोजित करने, विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने तथा उन्हें समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को समझाने के लिए मैडम चेतना शर्मा, मैडम कोमल और मैडम रचिता जैन व श्री कुंज के प्रयासों की सराहना की।