चंडीगढ: पंजाब के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री विजय सिंगला  की बर्खास्‍तगी और उसके बाद हुई ग‍िरफ्तारी की चर्चे पूरे देश में है। सीएम भगवंत मान  ने ब‍िना किसी को बताए, ब‍िना किसी के कहे कड़ी कार्रवाई कर जो नजीर पेश की है, उसकी तारीफ हर कोई कर रहा। आम आदमी पार्टी  की सरकार दिल्‍ली में भी ऐसी कर चुकी है तब अरविंद केजरीवाल ने 2015 में अपने मंत्री को भ्रष्‍टाचार के आरोप में पद से हटा दिया था और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। लेकिन विजय सिंगला का भेद खुला कैसे? सीएम मान ने कहा क‍ि पूरे सबूत मिलने के बाद उन्‍हें पद से हटाया गया। इस पूरे प्रकरण की इनसाइड स्‍टोरी क्‍या है?विजय सिंगला ने एक ठेकेदार से कमीशन मांगा था। ठेकेदार के साथ उनकी बैठक हुई। ठेकेदार ने मीटिंग में हुई बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया। इसकी सूचना पंजाब के सीएम भगवंत मान को दी गई। सीएम को विभाग के एक अफसर ने एक डील के बारे में बताया था। सीएम ने इस पर अफसर की पहचान उजागर ना करने का भरोसा देते हुए सबूत मांगा। अफसर और जिस ठेकेदार से कमीशन मांगा गया था उसने सिंगला के साथ बैठक करते हुए ऑडियो रिकॉर्डिंग की। इसके बाद रिकॉर्डिंग सीएमओ को सौंप दी गई। मान ने इसके बाद सिंगला को अपने पास बुलाकर पूछताछ का फैसला किया।

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