जालंधर, 30 जून
पंजाब की कांग्रेस सरकार की ओर से सरकारी मेडिकल डाक्टरों और वेटरनरी डाक्टरों के प्रैक्टिस भत्ते (वित्तीय लाभ) घटा कर डाक्टरों के साथ घटिया मजाक किया है, जिसका आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब सख्त विरोध करती है और डाक्टरों की मांगों का समर्थन करती है। यह ब्यान आम आदमी पार्टी के डाक्टरी विंग के सूबा सह प्रधान डा. संजीव शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपनी जानें दाव पर लगा कर ड्यूटी करने वाले डाक्टरों का प्रैक्टिस भत्ता 25 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत करने का फ़ैसला कांग्रेस सरकार का डाक्टरों के साथ सरासर धक्का है। उन्होंने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि करोना काल में अपनी जान की प्रवाह किए बगैर लोगों की जानें बचाने वाले डाक्टरों को कोरोना भत्ता दिया जाता, परंतु सरकार पहले से दी जाने वाली वेतन में भी कटौती करने पर तत्पर हो चुकी है।डा. शर्मा ने प्रेस को जारी किये बयान के द्वारा कहा कि पंजाब सरकार ने बड़ी साज़िश के अंतर्गत वेतन कमिशन की रिपोर्ट में से ज़्यादातर भत्ते ही ख़त्म कर दिए हैं और जो भत्ते बढ़ाने की कमिशन की तरफ से सिफ़ारिश की गई वह भत्ते भी खत्म कर दिए हैं। उन्होंने दोष लगाया कि पंजाब सरकार की ओर से डाक्टरों के भत्ते खत्म करने के साथ डाक्टरों का बड़े तौर पर आर्थिक नुक्सान होगा।डा. संजीव शर्मा ने कहा कि सरकार के फैसलों के साथ हर वर्ग निराशा के आलम में है और जो वायदे करके कांग्रेस पार्टी ने साल 2017 में अपनी सरकार बनाई थी। वह अभी तक पूरे नहीं किये गए। अब जब सरकार के कुछ ही महीने बाकी रहते हैं तो सरकार ऐसे फैसले लागू कर रही है। जिनसे आम लोगों और मुलाजिमों का बड़ा नुक्सान होना पक्का है। डा. संजीव शर्मा ने कहा इसी लिए सरकार मेडिकल स्टाफ से ठेके पर काम करवा रही है। जिससे यह सब भत्ते न देने पड़ें। उन्होंने कहा कि आज हलात यह हैं कि राज्य का पढ़ा लिखा नौजवान नौकरी लेने के लिए सडक़ों पर संघर्ष कर रहा है और जो लोग नौकरी करते हैं उनकी सुविधाएं सरकार लगातार घटा रही है। इस कारण पंजाब का हर वर्ग कांग्रेस सरकार से निराश और परेशान है।डा. संजीव ने कहा कि सरकार को चाहिए कि डाक्टरों का 25 प्रतिशत प्रैक्टिस भत्ता बेसिक वेतन के साथ बहाल करे और ग्रामीण वेटरनरी फार्मासिस्ट को पक्का किया जाये। उन्होने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार सूबे की सबसे निकम्मी सरकार है और इस का सर्टिफिकेट ख़ुद ही बड़े कांग्रेसी नेता बांट रहे हैं।

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