फगवाड़ा 13 सितंबर (शिव कौड़ा) कांग्रेस के सहयोगी डीएमके नेताओं द्वारा सनातन धर्म बारे की जा रही आपत्तिजनक बयानबाजी को लेकर भाजपा की तरफ से गांधी परिवार से लगातार स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। जिसके जवाब में बीते दिन कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस को किसी से सनातनी होने का सर्टीफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। सुप्रिया श्रीनेत की इस टिप्पणी को लेकर आज भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं शहर के पूर्व मेयर अरुण खोसला ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को तो भगवान की तरफ से भी सनातनी होने का सर्टीफिकेट नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा राजनीतिक लाभ के लिये सनातनियों को बांटने का काम किया है। कांग्रेस के नेताओं द्वारा हिन्दू आस्था पर चोट करना और देवी-देवाताओं का उपहास उड़ाना नई बात नहीं है। यहां तक कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रीत्व काल में भगवान श्री राम के अस्तित्व और श्री रामसेतु पर सवाल खड़े करते हुए अदालत में शपथपत्र तक दाखिल कर दिया था। इसी का परिणाम है कि आज कांग्रेस राजनीतिक जमीन खो चुकी है। जिसे दोबारा हासिल करने की चाहत में गठजोड़ का नाम यूपीए से बदलकर आई.एन.डी.आई.ए. तो कर लिया लेकिन कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने अपनी सनातन विरोधी मानसिकता नहीं बदली। खोसला ने कहा कि हिन्दू विरोधी मानसिकता की वजह से अमेठी की जनता ने राहुल गांधी को पिछले लोकसभा चुनाव में बुरी तरह परास्त किया। इस बार केरल के वायनाड से भी उन्हें मूंह की खानी पड़ेगी। गौरतलब है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के पुत्र और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन, द्रमुक सांसद ए राजा सहित दक्षिण के कई नेता दलित वोट बैंक साधने के लिये सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया से लेकर एडस और कुष्ठ रोग तक बता रहे हैं। जिसकी निंदा करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था। जिसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने गांधी परिवार का बचाव करते हुए भाजपा से सर्टीफिकेट की जरूरत नहीं वाली टिप्पणी की थी। हालांकि दक्षिण भारत के राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए द्रमुक नेताओं की सनातन विरोधी बयानबाजी पर चुप्पी साधना कांग्रेस की राजनीतिक विवशता है मगर शेष भारत में इस विवशता का लाभ लेने में भाजपा कोई चूक नहीं करना चाहती।

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