कन्या महा विद्यालय (स्वायत्त) ने “ज़ीरो-वेस्ट प्रैक्टिस और लो-कॉस्ट टीचिंग एड्स” पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की। विद्यालय के प्राध्यापकों डॉ. प्रदीप अरोड़ा एवं डॉ. हरप्रीत कौर को नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (एन.सी.एस.टी.सी.) डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भारत सरकार के द्वारा डेवलपिंग लो कॉस्ट टीचिंग एड्स इन प्रमोटिंग सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट: स्वच्छ भारत पैरेडाइम्स विषय पर आधारित प्रदान किए गए रिसर्च प्रोजेक्ट के अंतर्गत आयोजित हुई इस वर्कशॉप में जालंधर के डिप्टी कमिश्नर श्री हिमांशु अग्रवाल को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करना था। प्रधानाचार्या प्रो. डॉ. अतीमा शर्मा द्विवेदी ने सभी छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें इस मिशन के “हीरो” कहकर प्रोत्साहित किया। उन्होंने अपने संबोधन में ज़ीरो-वेस्ट के महत्व पर प्रकाश डाला और युवाओं में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री हिमांशु अग्रवाल ने स्वच्छता बनाए रखने और साफ-सुथरे वातावरण को प्रोत्साहित करने के महत्व पर व्यावहारिक उदाहरण और सुझाव साझा किए। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को अपने आसपास की सफाई से शुरुआत करने और इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन बनाने के लिए प्रेरित किया। डिप्टी डायरेक्टर फॉर एंप्लॉयमेंट जनरेशन एंड स्किल डेवलपमेंट, श्रीमती नीलम महे ने छात्रों को “रिड्यूस, रिफ्यूज, रीयूज और रीसायकल” के सिद्धांतों के महत्व पर प्रेरणादायक भाषण दिया। उन्होंने छात्रों को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने और स्थायी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया। स्वच्छ भारत मिशन पंजाब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डॉ. पूरन सिंह ने मुख्य भाषण दिया और स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए सरल और व्यावहारिक उपायों पर जोर दिया। उन्होंने प्लास्टिक के बजाय कागज आधारित विकल्पों को अपनाने और कचरे को अलग-अलग वर्गों में विभाजित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। रेडियो सिटी की रीजनल प्रोग्रामिंग डायरेक्टर, श्रीमती सीमा भंडारी सोनी ने स्थिरता और इसे दैनिक जीवन में अपनाने की आवश्यकता पर चर्चा की। आरजे हिमांशु ने स्वच्छता पर केंद्रित एक मनोरंजक और इंटरएक्टिव गतिविधि के माध्यम से छात्रों को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। श्री भरत बंसल ने ज़ीरो-वेस्ट प्रैक्टिस के सिद्धांतों पर प्रस्तुति दी और छात्रों को अपशिष्ट प्रबंधन के रचनात्मक समाधान खोजने के लिए चार्ट-आधारित गतिविधियों में शामिल किया। यह उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला में एसएसएसएस लांबा पिंड, एसएसएसएस चौगिट्टी, एसओई मकसूदां, एसएसएसएस गांधी कैंप, एसएसएसएस रंधावा मासंदा, जालंधर, सेठ हुकम चंद एसडी पब्लिक स्कूल, सोढल रोड, जालंधर और सदा सुख चोपड़ा पब्लिक स्कूल के 700 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। प्रधानाचार्या ने डॉ. प्रदीप अरोड़ा, एआई और डेटा साइंस विभाग के प्रमुख, डॉ. हरप्रीत कौर, पी.जी. फैशन डिजाइनिंग विभाग की प्रमुख, रिसर्च एसोसिएट सुश्री हरलीन और पूरे आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की।

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