भारत की विरासत एवं ऑटोनॉमस संस्था, कन्या महा विद्यालय, जालंधर के द्वारा रोटरी क्लब, जालंधर के सहयोग से “समकालीन समय में भगवद गीता की प्रासंगिकता” पर एक व्याख्यान का आयोजन करवाया गया. भाषण वृंदावन के आध्यात्मिक और प्रेरक वक्ता आचार्य पुंडरिक गोस्वामी द्वारा दिया गया था. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि लोग भगवद गीता को एक पवित्र ग्रंथ मानते हैं, लेकिन यह उससे कहीं अधिक है. यह एक मैनुअल और गाइड बुक है जो हमें आनंदमय, संतुष्ट, सार्थक और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने में मदद करती है. उन्होंने भगवद गीता का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी खुद को अर्जुन के साथ जोड़ सकता है, क्योंकि आज की पीढ़ी दुविधा में है. आज जीवन में हर किसी को भगवान कृष्ण जैसे सारथी की ज़रूरत है, जो हमें इस तरह के भ्रमों से दूर कर अनंत काल, ज्ञान और आनंदमय की वास्तविक स्थिति में हमें एक बार फिर से स्थापित कर सके. आचार्य गोस्वामी ने उर्दू के एक दोहे की उदाहरण देते हुए कहा कि एक व्यक्ति के लिए एक सफल व्यक्ति होने से ज्यादा महत्वपूर्ण एक अच्छा इंसान होना है. आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्य को गंभीरता से निभाना और जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करना ही वास्तविक धर्म है. इसके अलावा, उन्होंने दैनिक जीवन के अनुभवों से उदाहरण देकर अपने प्रभावी भाषण से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिससे हर कोई संबंधित हो सकता है. छात्राओं के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भगवद गीता एक ऐसी किताब है जो किसी को भी भ्रम और परेशानियों से निपटने में मदद कर सकती है और जीवन में स्थिरता और खुशी प्राप्त कर सकती है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को बदलाव, नवाचार और विभिन्न अवसरों का पता लगाने के लिए उत्सुक होना चाहिए. प्राचार्या प्रो. अतिमा शर्मा द्विवेदी ने आचार्य पुंडरिक गोस्वामी के दर्शन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रेरक विचार विद्यार्थियों को सही दिशा में ले जाते हैं, जिससे वे जीवन में सही चुनाव कर सकें, जिसके परिणामस्वरूप वे बेहतर इंसान बनने के साथ-साथ सफल हो सकें.

 

 

 

 

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।