after the resignation of ghulam nabi manish tewari got furious

गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को सोनिया गांधी के नाम चिट्ठी लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज्यसभा सांसद मनीष तिवारी ने अपनी पार्टी को फिर एकबार नसीहत देते हुए कहा कि जी-23 ने जो कांग्रेस सुप्रीमो को पार्टी की स्थिति को लेकर चिट्ठी लिखी थी, अगर उस पर ध्यान दिया गया होता तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती।मनीष तिवारी ने कहा कि मैं इस पार्टी का किराएदार नहीं, बल्कि सदस्य हूं। उन्होंने कहा,2 साल पहले हम में से 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था और कहा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है औऱ इस पर गंभीरता ध्यान दिया जाए। उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई। अगर कांग्रेस और भारत एक जैसे सोचते हैं तो लगता है कि दोनों में से किसी एक ने अलग सोचना शुरू कर दिया है।उन्होंने कहा, ”ऐसा लगता है कि 1885 से मौजूद कांग्रेस पार्टी और भारत के बीच दरार आ गई है। मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती।”कांग्रेस सांसद आगे कहते हैं, “गुलाम नबी आजाद के पत्र के गुण-दोष में मैं नहीं जाना चाहता। वह इसके बारे में समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे।”

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