नई दिल्ली : महाराष्ट्र के पायलट अमोल यादव रविवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। अमोल वही शख्स हैं जिन्हें पिछले साल भारत की पहली प्लेन फैक्ट्री बनाने के लिए 35,000 करोड़ की डील मिली थी। अमोल ने छह सीटर स्वदेशी प्रायोगिक विमान बनाया है। पीएम से मिलने के बाद यादव ने कहा कि पीएम ने उनके अपनी परियोजना के लिए समर्थन का आश्वासन दिया।
दिल्ली में पीएम से मिलने के बाद यादव ने कहा कि वह यह जानकर खुश हैं कि पीएम मोदी उनकी परियोजना का अनुसरण कर रहे हैं। यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “मैं वास्तव में खुश हूं कि पीएम इस प्रोजेक्ट को फॉलो कर रहे थे। उन्होंने मुझे अपने घर पर आमंत्रित किया। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मेरा सपना अब पूरा हो गया? यह मेरे लिए अप्रत्याशित था। वह मेरे प्रोजेक्ट के बारे में बहुत कुछ जानते हैं।”
यादव ने कहा कि पीएम मोदी ने उनसे उनकी परियोजनाओं के बारे में कई सवाल पूछे। यादव ने कहा “उन्होंने मुझसे परियोजना के बारे में कई सवाल पूछे और मुझे समर्थन का आश्वासन दिया। मैं इस विमान पर 19 साल से काम कर रहा हूं।” शुक्रवार को डीजीसीए ने उन्हें छह सीटर स्वदेशी प्रायोगिक विमान उड़ाने की अनुमति दी थी। डीजीसीए ने उन्हें यह अनुमति सशर्त दी है। उन्हें पहली उड़ान में 10 घंटे तक विमान उड़ाने और 10 हजार करोड़ फिट से ऊंचाई नीचे रखना होगा। यादव का यह अब सपना पूरा हो गया है।
जेट एयरवेज में डिप्टी चीफ पायलट रहे अमोल ने घर की छत पर 19 साल मेहनत करके एयरक्राफ्ट टीएसी-003 बनाया है। एयरक्राफ्ट 2011 में बन गया था। अमोल को डीजीसीएस के इसे उड़ाने के लिए सर्टिफिकेट पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।