नई दिल्ली।  चुनाव वाले पांच राज्यों  में कोरोना वायरस की स्थिति का जायजा लेने के लिए निर्वाचन आयोग की बैठक सोमवार को होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि प्रत्यक्ष  रैली पर प्रतिबंध  जारी रखा जाए या नहीं। आयोग यह भी तय कर सकता है कि क्या राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को प्रत्यक्ष प्रचार कार्यक्रम आयोजित करने में नई राहत दी जा सकती है। कोविड-19 मामलों में वृद्धि का हवाला देते हुए, चुनाव आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा के दौरान प्रत्यक्ष रैली और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया था। 22 जनवरी को चुनाव आयोग ने पांच चुनावी राज्यों में रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया था। हालांकि घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने की इजाजत दी थी।चुनाव आयोग सोमवार को पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में कोविड-19 की स्थिति और कोरोना वैक्सीनेशन अभियान का जायजा लेगा। आयोग इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, मुख्य सचिवों और पांच राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों सहित अन्य से चर्चा भी करेगा। देश में कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने के बावजूद पाबंदियों में कुछ ढील दिए जाने की संभावना है।

आयोग ने इससे पहले, 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 28 जनवरी से 500 लोगों की अधिकतम सीमा के साथ जनसभा करने की इजाजत दी थी और 14 फरवरी को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए सार्वजनिक सभा एक फरवरी से करने की अनुमति दी थी। इसके अलावा, प्रचार के लिए वीडियो वैन को भी कोविड-19 प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर अनुमति दी गई थी।

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