देश में जारी कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री ने एक बार फिर जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि केस कम हो रहे हैं लेकिन चुनौती खत्म नहीं होगी हमें उसके लिए तैयार रहना होगा। पीएम ने कहा कि पिछली महामारियां हो या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव बहुत ज़रूरी है।नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होने लगे हैं। लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है। जब फील्ड पर मौजूद लोगों से बातचीत होती है, तो ऐसी अभूतपूर्व परिस्थितियों से निपटने में बहुत अधिक मदद मिलती है।बीते कुछ दिनों में ऐसे अनेक सुझाव मिले हैं, अनेक जिलों में परिस्थिति के अनुसार कईं इन्नोवेटिव तरीकों की भी जानकारी आप लोगों से मिली है।
प्रधानमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि आज परिस्थितियों ने आपको अपनी क्षमताओं की नई तरह से परीक्षा लेने का अवसर दिया है। अपने जिले की छोटी से छोटी दिक्कत को दूर करने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आपकी यही भावना आज काम आ रही है।पीएम ने कहा कि महामारी जैसी आपदा के सामने सबसे ज्यादा अहमियत हमारी संवेदनशीलता और हमारे हौंसले की ही होती है। इसी भावना से आपको जन जन तक पहुंचकर, जैसे काम आप कर रहे हैं उन्हें और अधिक ताकत और अधिक पैमाने पर करते ही रहना है। प्रधानमंत्री ने वैक्सीन वेस्टेज को लेकर भी जिलाधिकारियों को हिदायत दी। उन्होंने कहा कि एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना।साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाज़ारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।