जालंधर : धान की चल रही ख़रीद प्रक्रिया का जायज़ा लेती हुए मुख्यमंत्री पंजाब ने कहा कि राज्य सरकार धान की ख़रीद करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होनें कहा कि प्रशासन को मंडियों से किसानों की फ़सल की समय पर ख़रीद और उठाई को यकीनी बनाना चाहिए। उन्होनें कहा कि फ़सल बेचने के लिए मंडी आने वाले किसानों को हर सुविधा उपलब्ध करवाई जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम को देखते हुए मंडियों में धान की उठाई में तेज़ी लाई जाये और संभाल के लिए पुख़ता प्रबंध किये जाएँ। उन्होनें आधिकारियों को कहा कि रोज़ाना की धान की खरीद प्रक्रिया पर निगरानी रखी जाये।
मुख्यमंत्री ने आधिकारियों को यह भी कहा कि किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया जाये। उन्होनें कहा कि जिला प्रशासन को कृषि विभाग के साथ मिल कि इस गंभीर मुद्दे पर किसानों को जागरूक करन के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। उन्होनें कहा कि कृषि विभाग को इन सीटू प्रबंधन के लिए किसानों को ज़्यादा से ज़्यादा अति आधुनिक खेती यंत्रों की बाँट करनी चाहिए।
इस अवसर पर जिलाधीश जालंधर श्री वरिन्दर कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री पंजाब को बताया कि 15 अक्तूबर तक जिले की मंडियों में आए धान में से 1.95 लाख मैटरिक टन धान में से 1.87 लाख मैटरिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि जिला प्रशासन किसानों के धान की समय पर निर्विघ्न खरीद और उठवाई के साथ साथ अदायगी को यकीनी बनाएगा।
इस अवसर पर सांसद चौधरी संतोख सिंह, विधायक चौधरी सुरिन्दर सिंह चेयरमैन पनसप तेजिन्दर सिंह बिट्टू, पुलिस कमिशनर गुरप्रीत सिंह और एस.एस.पी.नवजोत सिंह माहल और अन्य भी उपस्थित थे।
किसानों को पराली प्रबंध के लिए प्रोत्साहित करते हुए जिलाधीश श्री वरिंदर कुमार शर्मा ने शुक्रवार को कृषि और किसान कल्याण विभाग की छह अल्ट्रा-माडर्न वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया,जो गाँव गाँव जा कर
जिलाधीश ने वैन को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुक्सान के खतरनाक प्रभावों से अवगत कराना समय की जरूरत है, जो मानवीय स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरा बन रहा है।
उन्होंने कहा कि ये अति-आधुनिक वैन ऑडियो-वीडियो से किसानों को धान प्रबंधन की आवश्यकता के बारे में जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
जिलाधीश ने कहा कि आडियो -वीडियो प्रणाली के द्वारा किसानों को धान की पराली न जलाने के इलावा पैंफलेट और पोस्टर बाँट कर भी जागरूक किया जायेगा।
उन्होनें कहा कि धान की पराली न जला कर श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व मौके उनको सच्ची भेंट दे सकते हैं जो स्वंय कुदरती के बहुत बड़े प्रेमी थे और उन्होनें ‘पवनु गुरू पानी पिता माता धरती महतु’ के संदेश पर चलते लोगों को वातावरण की सुरक्षा और संतुलत के लिए पौधे लगाने को कहा था।
श्री शर्मा ने कहा कि खेतों में पराली के अवशेष मिट्टी की उर्वरता शक्ति बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसानों को अल्ट्रा-आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए भारी सब्सिडी दे रही है जो धान प्रबंधन में सहायक सिद होगा।
श्री शर्मा ने कहा कि पराली जलाने से मिट्टी के कई प्रमुख पोषक तत्व और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट जाते है और यदि मिट्टी में पराली के अवशेषों को मिलाएं मिट्टी की गुणवत्ता बढती है।
इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी डा नज़र सिंह और कृषि अधिकारी, डा नरेश गुलाटी और अन्य भी उपस्थित थे।
जालंधर भर के ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों स्कूली छात्र पराली न जलाकर पर्यावरण के बचाव के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए पंजाब सरकार के-एंटी-स्टबल बर्निंग अभियान के अम्बैसडर बने ।
पंजाब को साफ और हरा भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने संदेश देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों ने अपने-अपने स्कूलों में आयोजित एंटी-स्टब बर्निंग रैलियों में भाग लिया। यह कदम पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार की ऐतिहासिक पहल का हिस्सा है, जिसने राज्य में पराली को जलाने को काफी कम किया है।
राज्य सरकार द्वारा जिले भर के स्कूलों के छात्रों को शामिल करने के पहल है जो किसानों में जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है ।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक, मिडल, हाई और सीनियर सकैंडरी स्कूलों के छात्रों, दोनों सरकारी और प्राईवेट स्कूलों के छात्रों ने आज सुबह 9 से 10 बजे तक आयोजित जागरूकता रैलियों में भाग लिया । इन रैलियों के दौरान छात्रों को मिटी और पर्यावरण को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया।
छात्रों द्वारा आज शुरू किया गया जागरूकता अभियान किसानों को प्राकृतिक संसाधनों हवा, जल और मिट्टी के बचाव के लिए शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा । इस दौरान छात्रों को दीवाली के दौरान पटाखे जलाने से होने वाले नुक्सान के बारे में भी शिक्षित किया गया।
शहर में पानी से होने वाली बीमारियों के खिलाफ अभियान में स्वास्थ्य विभाग के एंटी लारवा टीम ने शुक्रवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में डेंगू लारवा के 13 मामलों का पता लगाया।
श्री राजविंदर सिंह, श्री अमित कुमार, श्री गुरविंदर सिंह, श्री सुखजिंदर सिंह, श्री विनोद कुमार, श्री सतपाल, श्री प्रदीप कुमार के नेतृत्व में एंटी लारवा सैल की अलग-अलग टीमों ने न्यू संतोखपुरा, एकता नगर, संजय गांधी नगर, बस्ती शेख, गौतम नगर और चंदन नगर का दौरा किया।
टीम के सदस्यों ने CDH घरों का दौरा किया और 1565 की आबादी को कवर किया और 83 सूखे कूलरों और 628 खराब कंटेनरों की जाँच की।
टीमों के सदस्यों ने निवासियों को बताया कि डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों को फैलाने के लिए सूखे कूलर, कंटेनर मच्छरों के प्रजनन का काम कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य मच्छरों के लारवा के उत्पादन के लिए संवेदनशील स्थानों की पहचान करना है।