डीएवी कॉलेज, जालंधर ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का लगातार प्रदर्शन करते हुए खुद को पर्यावरण संरक्षण के एक प्रतीक के रूप में स्थापित किया है। इको-आर्ट, इको-संकल्पना, ईएमसीओ-2024 जैसी प्रभावशाली पहलों और कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से, संस्थान छात्रों, शिक्षकों और समुदाय को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय रूप से जोड़ा है। वृक्षारोपण अभियान और अपशिष्ट प्रबंधन कार्यशालाओं के आयोजन से लेकर परिसर में नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने में डीएवी जालंधर अग्रणी रहा है। अब कॉलेज की विरासत को राज्य के डीएवी स्कूलों तक बढ़ाने हेतु डीएवी कॉलेज जालंधर पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम (ईईपी-2024) के तहत पंजाब के डीएवी स्कूलों के लिए नोडल एजेंसी बना।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने राज्य के 50 डीएवी स्कूलों के लिए ईईपी नोडल एजेंसी के रूप में काम करने के लिए 3.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़ के प्रति आभार व्यक्त किया। कॉलेज में बॉटनी विभाग की अध्यक्ष व इको-क्लब की प्रभारी डॉ. कोमल अरोड़ा इस परियोजना की समन्वयक होंगी। आने वाले तीन महीनों में, कॉलेज 50 डीएवी स्कूलों में इको-क्लब की स्थापना सुनिश्चित करेगा, जिन्हें न्यूनतम संसाधनों का उपयोग करने, प्रदूषण के स्तर को कम करने और शून्य अपशिष्ट उत्पन्न करने के लिए वैज्ञानिक स्वभाव और सोच विकसित करने के लिए प्रतियोगिताओं, प्रदर्शनियों, अभियानों, रैलियों और कार्यशालाओं के आयोजन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रम (ईईपी-2024) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार (एमओईएफसीसी) के तहत पर्यावरण शिक्षा, जागरूकता, अनुसंधान और कौशल विकास (ईईएआरएसडी) पर पुनर्गठित केंद्रीय योजना का एक प्रमुख घटक है। इसका उद्देश्य बच्चों और युवाओं को पर्यावरण की समझ और जागरूकता को गहरा करने के लिए व्यावहारिक जुड़ाव पर बल देना है।
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