डीएवी कॉलेज जालंधर में मुंशी प्रेमचंद हिन्दी साहित्य परिषद, हिन्दी विभाग ने विख्यात हिन्दी आलोचक, मूर्धन्य लेखक व साहित्य अकादमी से पुरस्कृत प्रो. रमेश कुंतल मेघ के निधन पर शोक सभा का आयोजन किया गया। इस शोक सभा में दिवंगत आत्मा की शांति हेतु मौन प्रार्थना के साथ भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने प्रो. मेघ के निधन पर शोक प्रकट करते हुए इसे हिन्दी जगत की अपूरणीय क्षति बताया। हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. संदीपना शर्मा ने हिन्दी के प्रति उनके समर्पण का जिक्र किया।
डॉ बलवेन्द्र सिंह ने प्रो मेघ को स्मरण करते हुए उनके व्यक्तित्व और साहित्यिक अवदान से जुड़े प्रसंगों को विद्यार्थियों के साथ साझा किया। उन्होंने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि साहित्यकार, आलोचक, सौन्दर्यशास्त्री, संस्कृतिकर्मी, प्राध्यापक प्रो. मेघ को अपने आप में एक संस्था बताया। सौन्दर्यशास्त्र से लेकर देह भाषा और मिथक जैसे विषयों पर उनके वृहद शोध कार्य अतुलनीय है।
मुंशी प्रेमचंद हिन्दी साहित्य परिषद के प्रभारी डॉ. विनोद कुमार ने हिन्दी साहित्य में प्रो. मेघ के उल्लेखनीय योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि आधुनिक साहित्य में मिथक और सौन्दर्य के विवेचक के रूप में उनकी पहचान रही। पंजाब की धरती से हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने वाले प्रो. मेघ साहित्य के क्षेत्र में याद किए जाते रहेंगे। इस अवसर पर डॉ. ऋचा नांगला, प्रो. मिनी बजाज, पंजाबी विभाग से डॉ. साहिब सिंह ने भी प्रो. मेघ के निधन पर संवेदना प्रकट की।

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