जालंधर :  डीऐवी कॉलेज, जालंधर में नए सत्र की शुरुआत पर हवन का आयोजन किया गया। “तमसो मा ज्योतिर्गमय ” यानि अज्ञान के अंधकार से  ज्ञान(शिक्षा) के प्रकाश की ओर चलो” भारत की इस महान संस्कृति व परम्परा को निभाते हुए डीएवी कालेज जालंधर ने हवन यज्ञ का आयोजन किया। इस मौके पर प्रिंसिपल डॉ अरोड़ा ने, विद्यार्थियों व स्टाफ सदस्यों ने हवन यज्ञ में भाग लेकर इस सत्र में शिक्षा के नए आयाम स्थापित करने के लिए प्रार्थना की।
इस मौके पर मुख्य मेहमान के रूप में डायरेक्टर कॉलेजेस डीएवी सीएमसी नई दिल्ली डा. सतीश शर्मा, एवम गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में मेयर जालन्धर श्री जगदीश राजा जी शामिल हुए। जिनका स्वागत प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा, वाईस प्रिंसिपल प्रो. वी.के. सरीन, प्रो. अरुण मेहरा, स्टाफ सेक्रेटरी प्रो. विपिन झांजी, रजिस्ट्रार प्रो. अजय अग्रवाल, डिप्टी रजिस्ट्रार प्रो. अनु गुप्ता ने पुष्पगुच्छ भेंट करके किया।
कालेज के प्रिंसिपल डा. एस. के. अरोड़ा ने विद्यार्थियों का स्वागत कर उन्हें डीएवी कॉलेज की शिक्षण प्रणाली सबसे बेहतरीन है,सभी आवश्यक साधन के द्वारा पूरा स्टाफ, आप सभी के समर्थन और मदद करने के लिए यहाँ हैं और हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगें की आप अपने अकादमिक उत्कृष्टता तक पहुँच सकें। कॉलेज का उद्धेश्य यह है कि हम सुनिश्चित कर सके कि हमारे सभी छात्र बुद्धिजीवी, जिज्ञासु, चुनौतीपूर्ण, मेहनती ,शोधकर्ता और उपजाऊ लेखक बन सके।
आगे हवन का महत्त्व बताते हुए उन्होंने कहा ,हवन क्या है? अपने जीवन को उजले कर्मों से और चमकाने का संकल्प! अपने सब पाप, छल, विफलता, रोग, झूठ, दुर्भाग्य आदि को इस दिव्य अग्नि में जला डालने का संकल्प! हर नए दिन में एक नयी उड़ान भरने का संकल्प, हर नयी रात में नए सपने देखने का संकल्प! उस ईश्वर रूपी अग्नि में खुद को आहुति बनाके उसका हो जाने का संकल्प, उस दिव्य लौ में अपनी लौ लगाने का संकल्प और इस संसार के दुखों से छूट कर अग्नि के समान ऊपर उठ मुक्त होने का संकल्प! हवन मेरी सफलता का आर्ग है। हवन मेरी मुक्ति का मार्ग है, ईश्वर से मिलाने का मार्ग है. उन्होंने बताया की हवश=न यज्ञ वायु को स्वछ बनाता है जिससे हमारी अंतरात्मा स्वछ होती है तथा आयु लंबी होती है। हमें चाहिए की हम ज़िन्दगी में कुदरत के नियमो का पालन करें तथा उसी से भगवन के करीब रह सकते हैं।
अंत में डॉ अरोड़ा ने कहा, मैँ फिर से पूरे स्टाफ की ओर से आप सभी का स्वागत करता हूँ और उस कॉलेज का एक हिस्सा होने के लिए आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूँ, जहाँ सफलता एक विकल्प नहीं बल्कि एक जनून है।
मुख्य मेहमान एवम डायरेक्टर कॉलेजेस डीएवी सीएमसी नई दिल्ली डा. सतीश शर्मा ने कहा की डीएवी कॉलेज की पूरे भारत में एक अलग पहचान बन चुकी है। गुणवत्तापूर्ण एवं रोजगारपरक शिक्षा देना, सामाजिक समरसता का भाव हर विद्यार्थी में पैदा करना, संस्कारों को उनमे कूट-कूट कर भरना, व्यक्तित्व के बहुमुखी विकास को प्राप्त करना आदि ही कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने का उद्देश्य है। कॉलेज सिर्फ पढे-लिखे और कामयाब इंसान ही समाज एवं देश को नहीं देता बल्कि सही मायनों में पूर्ण विकसित एवं संस्कारी नागरिक भी देश को प्रदान करता है। एसडी संस्था का उद्देश्य भी यही है और इसीलिए हर नए सत्र का आयोजन हवन-यज्ञ के साथ किया जाता है जो की अब शिक्षा का एक अटूट हिस्सा बन चुका है। मूल्य विहीन ज्ञान एवं शिक्षा को ग्रहण करने का कोई औचित्य नहीं है। इसीलिए कॉलेज नैतिक समावेश के तहत अपने विध्यार्थीओं को शिक्षा प्रदान करता रहेगा। बेटियों को बचाने से लेकर उन्हे पढ़ाने और योग्य बनाने की जिम्मेवारी सिर्फ सरकार की नहीं है अपितु यह कार्य हम सभी को करना है और इस प्रकार के आयोजनों से यही उद्देश्य प्रतिबिम्बित होता है।
इस दौरान स्टाफ सेक्रेटरी प्रो. विपिन झांझी ने विद्यार्थियों का स्वागत कर उन्हें आर्य समाज एवं कालेज के नियमों की जानकारी देने के साथ कठिन मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंनेे कहा, आर्य समाज का चिन्तन, दर्शन, मूल्य तथा आदर्श हमें जीवन से जोड़ते हैँ और पूर्णता की और ले चलते हैँ।आर्य समाज द्वारा संचालित संस्थाओं का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वेद अपनाने से ही सुख, समृद्धि व आनंद प्राप्त हो सकता है। विद्यार्थियों को अपना संदेश देते हुए कहा, कि इस सत्र में स्टूडेंट्स अपना लक्ष्य पहले से निधारित करें और स्मार्ट और कड़ी मेहनत से अपने लक्ष्य को पूर्ण प्राप्त करें।
इस दौरान जालन्धर के मेयर जगदीश राजा, लोकल मैनेजमेंट कमेटी से श्री कुंदन लाल अग्रवाल, प्रिंसीपल डेवीएट डा. मनोज कुमार, समूह डीएवी कॉलेज का टीचिंग एवम नॉन टीचिंग स्टाफ व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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