” कॉलेज को साल २०१८-१९ में 7 गोल्ड मेडल, 29 पहली यूनिवर्सिटी पज़िशंज़, 28  दूसरी और 31 तीसरी यूनिवर्सिटी पज़िशंज़ हासिल हुई, कामर्स में  तक़रीबन 100 मेरिट पज़िशन भी हासिल की “

डी ए वी कॉलेज नें उत्तर भारत में शैक्षिक स्थिरता प्रदान करने में मदद की तथा आज यह कॉलेज उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक है।

                                           – प्रिन्सिपल डॉ एस के अरोड़ा

“डी ए वी कॉलेज जब से अपनी बुनियाद पर कायम हुआ है तभी से लेकर आज तक यह देश के सबसे अहम उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों में से एक माना गया है, इस कॉलेज ने अनुसंधान और शिक्षण के  क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए मजबूत प्रतिबद्धता  को बरकरार रखा है  डी ए वी कॉलेज देश का एक अहम रोल मॉडल बनने में कामयाब  है। डी ए वी कॉलेज सादगी और आधुनिकता का एक अद्वितीय मेल है जहाँ स्टूडेंट्स को आधुनिक तरीकों की मदद से वैल्यू बेस्ड एजुकेशन दी जाती है,समग्र दृष्टिकोण और पूर्ण व्यक्तित्व विकास ही इसका मुख्य लक्ष्य रहा है और हमेशा रहेगा “

 प्रिंसिपल पंडित मेहर चंद , पंडित लखपत राय और लाला राधा राम ने महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की याद और उनके शिक्षा विषयक मौलिक विचार को पूर्ण करने के लिए कॉलेज की नींव रखी। तब से लेकर अब तक डी ए वी कॉलेज जालंधर समाज और देश में ज़िम्मेदार नागरिक प्रदान करने में सफल रहा है। यहाँ सिर्फ पढ़ाया ही नहीं जाता , बल्कि बच्चों  में नैतिक मूल्यों को पैदा किया जाता है। अपनी इसी परम्परा और शुद्ध शैक्षणिक विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए कॉलेज ने साल  २०१८-१९ में अपनी शैक्षिक प्रदर्शन का बेजोड़ उदाहरण पेश किया, कॉलेज शहर में अपने हर विषय श्रेणी में सबसे अधिक यूनिवर्सिटी पज़िशंज़ हासिल कर सबसे बड़ा कॉलेज बनने का गौरव हासिल किया। ख़ास बात यह रही की सत्र 2018-19 में कॉलेज ने एम इंग्लिश, एम ए एकनामिक्स, एम ए संस्कृत, एम ए हिस्ट्री, एम ए पलिटिकल साइयन्स,एम एस सी मेथस, एम एस सी केमिस्ट्री, एन एस सी फ़िज़िक्स, एम एस सी ज़ोआलॉजी, एम कॉम, बीकॉम, बी एफ एस टी, बी ए जे एम सी, बी एस सी एकनामिक्स, बी सी ए, बी एस सी बॉयोटेक, बी एस सी कम्प्यूटर साइयन्स, बी एस सी बी टी, बी एस सी नॉन मेडिकल और बी एस सी आइ टी जैसे बड़े कोर्सेज़ में यूनिवर्सिटी में पज़िशंज़ हासिल कर अपना परचम लहराया।

गोल्ड मेडलिस्ट :

सुखमन कौर (एम ए इंग्लिश), वैशाली ऋषि (एम ए एकनामिक्स), सुरेश कुमार ( एम ए संस्कृत), अनुकृति ( एम एस सी ज़ोआलॉजी), नैना ( एमकॉम), भावना ( बी एड एस टी), हिना ( बी ए जे एम सी)

फ़र्स्ट यूनिवर्सिटी पज़िशन: 

किरनदीप कौर ( एम ए एकनामिक्स), निधि बांसल (एम ए संस्कृत), कनिका चड्ढा (एमकॉम), शीतल भगत ( एम एस सी ज़ोआलॉजी), कनिका शर्मा ( एम एस सी केमिस्ट्री), जीतू ( बी कॉम), स्वाति गुप्ता ( बी कॉम), दीक्षा राणा ( बी एफ एस टी ), मनप्रीत कौर ( बी एफ एस टी), रोहित कलियाँ ( बी एफ एस टी), उमीका मोंगिया ( बी एस सी ( एकनामिक्स), अवनीत कौर (एम एस सी केमिस्ट्री), मुस्कान गुप्ता (बी एस सी कम्प्यूटर साइयन्स), आकांक्षा कोहली ( बी सी ए ), अमनदीप कौर (एम एस सी मेंथस), मानसी आनंद ( एम ए एकनामिक्स), किरनदीप कौर ( एम व एकनामिक्स), कनिका चड्ढा (एम कॉम), वंशिका गर्ग (बी सी ए), नेहा शारदा (बी एस सी), साक्षी ठाकुर ( बी एफ एस टी), मानसी खन्ना ( बी एफ एस टी), रोहित कलियाँ (बी एफ एस टी), दीक्षा राणा ( बी एफ एस टी), मनप्रीत कौर ( बी एफ एस टी), मनप्रीत कौर (एम ए संस्कृत), निधि बांसल ( एम ए संस्कृत), गुरचरण कौर ( एम एस सी ज़ोआलॉजी), शीतल भगत ( एम एस सी ज़ोआलॉजी)

सेकंड यूनिवर्सिटी पज़िशन:

नीतीशा टंडन (बी.फ.स.टी.),  चरनीत कौर (बी.फ.स.टी.),  सुप्रिया (बी.फ.स.टी.),   विक्रम चौहान (बी.फ.स.टी.)  ,पलक पस्सी (बी.फ.स.टी.),  परमिंदर कौर (बी.फ.स.टी.),  सोनम सैनी (बी.फ.स.टी.),  मनीषा अरोरा (एम.ऐ संस्कृत), दीक्षा (संस्कृत),  रूपांशी पूरी (एम.एस सी केमिस्ट्री) ,गगनदीप (एम.ऐ हिस्ट्री),  प्रियंका ( एम.ऐपोल साइंस ), दामिनी (एम.ऐ एकनामिक्स),  दामिनी (एम.ऐ एकनामिक्स ),  शालू  सेठी (एम.एस सी ज़ूलॉजी),  कोमल राणा (एम.एस सी ज़ूलॉजी)

थर्ड यूनिवर्सिटी पज़िशन:

सुरभि तनेजा ( एम कॉम), वर्षा ( एम ए एकनामिक्स), अविनाश कौर ( एम एस सी मेंथस), रविंदर कौर ( एम एस सी मेथस), कामना (बी.फ.स.टी.), प्रिया (बी.एफ.एस.टी.), हरसिमर सिंह (बी.एफ.एस.टी.),  निम्रत (एम.ऐ संस्कृत), कोमल (एम.एस सी केमिस्ट्री),  मनप्रीत कौर (एम.एस सी केमिस्ट्री),  रमनप्रीत (एम.एस सी मैथ्स), हरसिमरन (एम.एस सी ज़ूलॉजी),  रचिका सूद (एम.एस सी ज़ूलॉजी),  शुभम (एम.ऐ संस्कृत),  किशोर चन्दर  (एम.ऐ संस्कृत),  मनप्रीत कौर (एम.एस सी केमिस्ट्री), पवनदीप (एम.एस सी मैथ्स),  एकता (बी. एस सी आई टी ), दीपाली (बी. एस सी बी टी ), नविता पठानिआ (एम.ऐ संस्कृत), सतिंदर कौर (एम.ऐ एकनामिक्स), सुचिता (एम.एस सी केमिस्ट्री), पल्लवी धीर (बी. एस सी  एच एम),  प्रिय शर्मा  (बी. एस सी बी टी),  मिनाक्षी कोहली (बी. एस सी बी टी ),  प्रीती  (एम.एस सी केमिस्ट्री),  प्रांजल रौटेला (बी. एस सी बी टी),  वृतिका (एम.एस सी केमिस्ट्री), अरिहंत (एम.एस सी केमिस्ट्री) , परमजीत कौर (एम.एस सी केमिस्ट्री), लेना (एम.एस सी केमिस्ट्री)

प्रिन्सिपल डॉ एस के अरोड़ा ने कहा, कॉलेज के दृष्टि की बात की जाए तो कॉलेज का विज़न देश को ऐसे सर्वश्रेष्ठ नागरिक प्रदान करना है जो विद्या को शस्त्र बनाकर देश में सुधार लाने में सक्षम होंगे तथा जो देश की सेवा में लगे रहंगे , तथा ऐसे शख्स जो नैतिक मूल्यों से भरपूर होंगे.कॉलेज का मिशन विद्या , अनुसंधान और बाकि अहम क्षेत्रों में प्रगति लाना ताकि देश के  हर सेक्टर में क्वालिटी एजुकेशन से अहम सुधार आ सके , ताकि देश उन्नति के रह पर चल सके तथा एक प्रगतिशील समाज का निर्माण डी ए वी जालंधर का मुख्या उद्देश्य है”

प्रिंसिपल डॉ एस के अरोड़ा ने कहा,” डी ए वी कॉलेज सादगी और आधुनिकता का एक अद्वितीय मेल है जहाँ स्टूडेंट्स को आधुनिक तरीकों की मदद से वैल्यू बेस्ड एजुकेशन दी जाती है,समग्र दृष्टिकोण और पूर्ण व्यक्तित्व विकास ही हमारा मुख्य लक्ष्य रहा है और हमेशा रहेगा। हमारा कॉलेज सम्पूर्ण विकास पर उत्कृष्ट काम करता आया है तथा यहाँ पर सम्पूर्ण क्लास रूम कल्चर मौजूद है। क्लास बंक करके घर बैठने से हम डिग्री तो ले लेंगे मगर सही मायनो में विकसित नहीं हो पाएंगे . डी ऐ वी कॉलेज में उत्कृष्ट फैकल्टी और टीचर्स मौजूद हैं जो हमेशा कॉलेज की सेवा में मौजूद रहते हैं , तथा जो न सिर्फ़ किताबी ज्ञान बल्कि  बच्चों को ज़िन्दगी के मूल्य भी सीखते हैं , इस कॉलेज के प्रिंसिपल के तौर पर में बहुत गर्व महसूस कर रहा हूँ , मेरी यही दुआ है की मेरा यह कॉलेज अमर रहे।

शैक्षिक सफलता की बात करें तो कॉलेज नें देश को बहुमूल्य रत्नों से नवाज़ा, देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश से लेकर प्रदेश के कई मंत्री, अधिकारी और वैज्ञानिक कॉलेज के विद्यार्थी रहे हैं, जैसे श्री एम एन पंछी (भारत के मुख्य न्यायाधीश), श्री तलवार (पी जी आई में पूर्व डायरेक्टर), श्री शरत् सबरवाल (पाकिस्तान में पूर्व भारतीय राजदूत),प्रो ए एस बराड़ ( गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के वर्तमान उपकुलपति), पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रो अरुण कुमार ग्रोवर , शहीद मेजर रमन दादा , शहीद दलजीत मिन्हास  और पंजाब के अधिकतम पड़ोसी संस्थाओं के प्रिंसिपल्स भी डी ए वी कॉलेज की देन हैं। तथा डी ऐ व् कॉलेज ने देश को 22 ओलिंपियन , 8 अर्जुन अवार्डी , 3 ध्यान चाँद अवार्डी , और 3 द्रोणाचार्य अवार्डी भेंट किये। न सिर्फ शैक्षिक उपलब्धियां बल्कि अतिरिक्त सांस्कृतिक गतिविधियों की लंबी सूची जिसमें विश्व् प्रसिद्ध गजल गायक श्री जगजीत सिंह, विख्यात बॉलीवुड गायक सुखविंदर सिंह, प्रसिद्ध सूफी गायक हंस राज हंस और फ़िल्म उद्योग में नवीनतम प्रविष्टि दीपांशु पंडित पर कॉलेज गर्व मेहसूस करता है।

डी ए वी कॉलेज देश के प्रमुख शैक्षिक संस्थान में अपना स्थान रखता है, यू जी सी की नैक द्वारा कॉलेज को ‘ए’ ग्रेड के साथ मान्यता प्राप्त हुई (सी जी पी ए 3.76/4) जो भारत में सह-शिक्षा कॉलेजस में उच्चतम है, या यूं कहें सह- शिक्षा में डी ए वी कॉलेज  सबसे बड़ीऔर सबसे अच्छी संस्था है।  कॉलेज को कॉलेज विथ पोटेंशियल फाई एक्सीलेंस से भी नवाज़ गया है 

डी ए वी कॉलेज में खेल-कूद और कला के साथ अकादमिक गुणवन्ता भी उतना ही मूल्यवान है। हमारा मुख्य ध्येय है अति योग्य शिक्षकों, एक विशाल और अच्छे पुस्तकालय, विशाल प्रयोगशालाओं और एक अनुशासित वातावरण अकादमिक उत्कृष्टता की दिशा में निरंतर परिष्कृत होते जाना । कॉलेज का प्रयास है कि  छात्र जिज्ञासु, महत्वाकांक्षी और विश्वसनीय नागरिक बने। कॉलेज अध्ययन के सभी विषयों के लिए एक वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। कॉलेज स्टूडेंट्स को उनकी योग्यता की पहचान उनकी प्रतिभा को सुधारने, कैरियर विकल्पों पर ध्यान देता है और मार्गदर्शन और आगे के अध्ययन, अनुसंधान के लिए प्रशिक्षित करता है, साथ ही रोजगार की संभावनाओं के लिए मदद करता हैं। कई छात्र कॉलेज के अंतिम वर्ष में प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट पा रहे हैं।

अंत में प्रिन्सिपल अरोड़ा ने कहा, हम यह मानते हैं कि यह दुनिया एक बेहतर जगह है और हमें इसे और बेहतरीन बनाना है । इसीलिए जो छात्र और छात्राये  हमारे पास आते हैं उन्हें डिग्रीधारक बनाने कि तुलना में अपने आसपास के अन्य मनुष्यों, प्रकृति , पर्यावरण , वन्य जीवन और समाज के प्रति संवेंदनशील जिम्मेदार नागरिक बनाना हमारा प्राथमिक उद्देश्ये है। हमारे कॉलेज में कक्षाओं के दौरान एन . सी, सी और एन. एस. एस प्रशिक्षण के दौरान लगातार छात्रों को समझदार , जागरूक और जिम्मेदार बनाने के प्रयास के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

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