जालंधर 1 5 अक्टूबर :शारदीय नवरात्रि कल यानि 15 अक्टूबर रविवार से शुरू हो रही है. नवरात्रि के पहले दिन )घट स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है. इसी दिन से मां का आगमन होता है और देवी पक्ष की शुरुआत होती है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. आइए जानते हैं नवरात्रि के पहले दिन देवी मां के शैलपुत्री रूप की पूजा कैसे करनी चाहिए, पूजा की विधि मंत्र और किस चीज से लगाना चाहिए माता को भोग…
नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के माता शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है. इस दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें. पूजा के पहले अखंड ज्योति प्रज्वलित कर लें और शुभ मुहूर्त में घट स्थापना कर लें. अब पूर्व की ओर मुख कर चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और माता का चित्र स्थापित करें. सबसे पहले गणपति का आह्वान करें और इसके बाद हाथों में लाल रंग का पुष्प लेकर मां शैलपुत्री का आह्वान करें. मां की पूजा के लिए लाल रंग के फूलों का उपयोग करना चाहिए. मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प चढ़ाएं. माता के मंत्रों का जप करें. घी से दीपक जलाएं. मां की आरती करें. शंखनाद करें. घंटी बजाएं. मां को प्रसाद अर्पित करें.
माता शैलपुत्री की पूजा के समय इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए.
ऊं ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:
मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि मां दुर्गा को गाय के घी से बनी चीजें बेहद प्रिय हैं. गाय के घी से बने बादाम के हलवे से मां शैलपुत्री को भोग लगा सकते हैं.