चंडीगढ़, 5 सितंबर: भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने उद्योग विरोधी फैसले लेने को लेकर पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार पर तीखा हमला बोला है। यहां जारी एक बयान में शेरगिल ने कहा कि जब से आप सरकार ने पंजाब की बागडोर संभाली है, तब से औद्योगिक क्षेत्र के लिए बेहद नुकसानदेह फैसले लिए गए हैं। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि बिगड़ती कानून-व्यवस्था और उद्योग विरोधी फैसलों के चलते पंजाब के उद्योगपति दूसरे राज्यों में पलायन की तैयारी कर रहे हैं।
शेरगिल ने आप सरकार के कुछ बेहद गलत फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि उद्योग जगत को सबसे बड़ा झटका बिजली की दरों में बढ़ोतरी से लगा है। उन्हें उद्योग जगत के कई दिग्गजों ने बताया है कि उद्योगों को 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध कराने के चुनाव से पहले दिए गए भरोसे के बावजूद, जब स्लैब में अन्य शुल्कों को जोड़ा जाता है, तो यह दर 7 रुपये से 12 रुपये प्रति यूनिट के बीच पहुंच जाती है। यह उद्योगों के साथ एक भद्दे मजाक के अलावा कुछ नहीं है।
इसी तरह लंबित वैट के मामलों का जिक्र करते हुए, शेरगिल ने कहा कि हजारों करदाताओं को पिछले दो वर्षों से अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने खुलासा किया कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने घोषणा की थी कि सभी लंबित वैट के मामलों का निपटारा 15 दिनों के भीतर किया जाएगा, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी उद्योगपति इससे जुड़े नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं।
शेरगिल, जो पंजाब भाजपा के परमानेंट इनवाइटी मैंबर भी हैं, ने कहा कि सत्ता में आने से पहले आप ने औद्योगिक भाईचारे से ‘इंस्पेक्टरी राज’ को समाप्त करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता संभालने के बाद वे बड़ी आसानी से इस वादे को भूल गए हैं। इस संबंध में उद्योगपतियों को परेशान करने से जुड़ी एक अन्य उदाहरण का हवाला देते हुए, शेरगिल ने कहा कि लार्ज सप्लाई (एलएस) वाले कारखानों में पावर क्वालिटी मीटरों (पीक्यूएम) को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि उद्योगपतियों के अनुसार उक्त निर्णय पूरी तरह से अनुचित है, क्योंकि इन मीटरों की लागत लगभग 3.5 लाख रुपये से 4 लाख रुपये तक होती है, जिसे चुका पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है।
शेरगिल ने कहा कि पंजाब में औद्योगिक जमीन की कीमतें पहले से ही बहुत अधिक हैं, उसके ऊपर से जमीन की आरक्षित कीमतों में 50 प्रतिशत की और वृद्धि अनुचित है, जो नए निवेश प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा बनेगी। शेरगिल ने मुख्यमंत्री को अपने तौर-तरीके सुधारने के लिए आगाह करते हुए, कहा कि यदि सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए और उद्योगों से संबंधित मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वह दिन दूर नहीं जब मौजूदा इंडस्ट्री धीरे-धीरे बंद हो जाएगी।
शेरगिल ने मान को ‘अखबारी मुख्यमंत्री’ करार देते हुए कहा कि उद्योगपति अपनी शिकायतें बताने और उनका हल क्रवाने के लिए उद्योग मंत्री के साथ आमने-सामने की बैठक करने के लिए गहन प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके सभी प्रयास अब तक व्यर्थ साबित हुए हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उद्योग विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है, जो खुद के प्रचार और चुनावी राज्यों का दौरा करने में व्यस्त हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने यह भी जिक्र किया कि पंजाब के उद्योगपतियों, विशेष रूप से इंडस्ट्रियल हब लुधियाना के उद्योगपतियों ने उन्हें बताया है कि पंजाब इंडस्ट्रियल एंड बिजनेस डेवलपमेंट पॉलिसी-2022 में नए निवेशकों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन के बीच पंजाब के मौजूदा उद्योगों को छोड़ दिया गया है। यह मौजूदा इंडस्ट्री के लिए ‘विनाशकारी’ साबित होगा।