जैतो: पानी के स्तर को और नीचे जाने से रोकने के लिए फरीदकोट के अलावा पांच जिलों मुक्तसर, बठिंडा, मानसा, फाजिल्का और फिरोजपुर में धान की बिजाई का काम आज शुरू हो जाएगा, जिसके लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं। वहीं सी.एम. मान ने किसानों से अपील की है कि वह ज्यादा से ज्यादा नहरी पानी का इस्तेमाल करें।

फसल की बुआई के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए डॉ. मुख्य कृषि अधिकारी अमरीक सिंह ने कहा कि फरीदकोट जिले में लगभग एक लाख पंद्रह हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के जल संसाधन विभाग ने भी नहरों में पानी की व्यवस्था कर दी है, जो एक-दो दिन में गांवों तक पहुंच जायेगा। उन्होंने कहा कि झोने की फसल की खेती के लिए आवश्यक उर्वरक, यूरिया, डाया, पोटाश और शाकनाशी आदि का पर्याप्त भंडार भी जिले में उपलब्ध है और इसकी कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।

उन्होंने धान की खेती से संबंधित तकनीकी बातों को सांझा करते हुए कहा कि रोपाई से पहले खेतों को कंप्यूटर से समतल कर लेना चाहिए ताकि सिंचाई के लिए पानी एक समान हो सके। उन्होंने कहा कि धान की फसल में उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण रिपोर्ट में दी गयी संस्तुति के अनुसार ही करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मिट्टी जांच रिपोर्ट के अभाव में यदि गेहूं की फसल में पूरी तरह से खाद डाल दी गयी है तो धान की फसल में खाद डालने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि 90 किलो यूरिया तीन बराबर किस्तों में बुआई के 7, 21 व 42 दिन बाद तथा पीआर 126 तीसरी किस्त के 35 दिन बाद डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिक उपज प्राप्त करने के लिए खेत में पौध रोपण करते समय पौध की आयु मध्यम अवधि वाली किस्मों जैसे पीआर 126 के लिए 30-35 दिन और कम अवधि वाली किस्मों के लिए 25-30 दिन होनी चाहिए

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।