जालंधर: आज के सर्वश्रेष्ठ महाविद्यालयों में एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के उपलक्ष में एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया जैसा कि बॉस के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का प्रण लिया है और इस वर्ष भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ भी है इसीलिए महोत्सव को एपीजे कॉलेज में अनोखे ढंग से मनाया गया जहां एक और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए वहीं दूसरी ओर एक ऑनलाइन सेमिनार के माध्यम से नेता जी के विचारों के प्रति श्रोताओं को अवगत करवा गया नेताजी के विचार जिसके प्रति ज्यादातर लोग विभाजित हैं उन्हीं विचारों को लेकर इतिहास विभाग के प्रोफेसर विश्व बंधु वर्मा की तरफ से पावरप्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से एक सेमिनार का आयोजन किया गया प्रोफेसर विश्व बंधु बर्मा की ने बताया कि एक संपन्न बंगाली परिवार में उड़ीसा में जन्म लेने वाले सुभाष चंद्र बोस शरद चंद्र बोस के भाई थे अपनी पढ़ाई समाप्त करके वे इंग्लैंड गए वहां प्रशासनिक सेवा में सर्वोत्तम स्थान हासिल किया परंतु उन्हें ब्रिटिश की गुलामी पसंद नहीं थी प्रशासनिक सेवाओं से इस्तीफा देकर भारत वापस आकर राजनीतिक के प्रवेश किया इंडियन नेशनल कांग्रेस ज्वाइन की विभिन्न पदों पर रहते हुए अनेक सत्याग्रह में एक्टिव ली भाग लिया कई बार जेल भी गए नेताजी ने ही महात्मा गांधी के राष्ट्रीयता कहकर संबोधित किया था वह कांग्रेश अध्यक्ष पद पर भी विराजमान हुए परंतु द्वितीय विश्व युद्ध में महात्मा गांधी के साथ वैचारिक मतभेद उत्पन्न होने के उपरांत कांग्रेस छोड़ दी ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की तथा उन्होंने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह का झंडा उठा लिया भारत से बाहर जापान और जर्मनी की सहायता से द्वितीय विश्व युद्ध के भारतीय युद्ध वादियों को लेकर ट्रोल ने तथा आजाद हिंद फौज की स्थापना की अपनी आजाद हिंद फौज सदा जवान की मदद से ब्रिटिश को हंसते हुए भी भारत के उत्तर पूर्वी छोर तक पहुंचे उनके पूरे भारत में तारीफ होने लगी वह युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत बन गए हर तरफ हर राज्य में सिर्फ नेता जी के ही चर्चे थे उनकी सफलताओं से अंग्रेज काफी डरे हुए थे किसी बात से नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भारत की आजादी में क्या योगदान था इसका पता चलता है उनके विचार आजादी उपरांत भी इस देश की आत्मा में रचे हुए हैं तथा आज भी युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत है उपरोक्त सेमिनार के उपरांत कॉलेज प्रचारिणी टकराने समर्थ एपीजे स्टाफ का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने आज के प्रोग्राम को सफल बनवाया तथा इतिहास विभाग के विक्रम बंधु वर्मा प्लस पर विभाग की प्रोफेसर रश्मि रणदेव राजनीति विभाग से कोमल तथा एनएसएस इंचार्ज सिमकी देव का धन्यवाद किया जिनके प्रयास से आधे पीजी कॉलेज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125c जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।