पी.सी.एम.एस.डी. कॉलेज फॉर विमेन, जालंधर के अर्थशास्त्र विभाग ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए ‘भारत की आजादी के बाद आर्थिक प्रगति’ विषय पर एक समूह चर्चा का आयोजन किया। एमबीईआईटी सेमेस्टर द्वितीय और चौथे और बी.एससी (अर्थशास्त्र) सेमेस्टर चौथे की छात्राओं ने इस चर्चा में भाग लिया। स्वतंत्रता के बाद देश में आर्थिक उन्नति के संबंध में उनके विचार मिश्रित थे। कुछ लोगों ने तर्क दिया कि देश ने जीडीपी वृद्धि और अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में काफी प्रगति की है। हालांकि, कुछ इस विचार से सहमत नहीं थे और उन्होंने कहा कि देश अभी तक गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि जैसे विभिन्न आर्थिक मुद्दों को हल करने में सक्षम नहीं हुआ है और ये देश के विकास के रास्ते में बाधा के रूप में काम करते हैं। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि देश में एक मजबूत औद्योगिक आधार का अभाव है, जिसके बिना यह अपनी वास्तविक आर्थिक क्षमता का एहसास नहीं कर सकता है। अंत में, यह निष्कर्ष निकाला गया कि यद्यपि देश की अर्थव्यवस्था स्वतंत्रता के बाद से एक लंबा सफर तय कर चुकी है, लेकिन यह अपने भौतिक और मानव संसाधनों का पूर्ण उपयोग करने में विफल रही है। यह भविष्य में उच्च आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है यदि गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं को ठीक से निपटाया जाता है और एक मजबूत औद्योगिक आधार विकसित किया जाता है। इस अवसर पर प्रबंधक समिति के माननीय सदस्य और प्राचार्य, प्रो (डॉ.) पूजा पराशर ने अर्थशास्त्र विभाग की ऐसी गतिविधियों के आयोजन के लिए इकोनॉमिक्स डिपार्टमेंट की सराहना की जो छात्रों को अपने विचारों को प्रभावशाली एवम आत्मविश्वास के साथ संप्रेषित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है

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