जालंधर स्मार्ट सिटी के अधूरे पड़े प्रोजेक्टों की डेडलाइन सितंबर में खत्म होने को है और सरफेस वाटर प्रोजेक्ट का काम अभी अधर में ही लटका हुआ है सारे शहर में पानी की पाइप डालने के लिए सड़कें खोदी जा रही हैं और जहां पाइप डाल दी है वहां पर सड़कों का काम भी नहीं हुआ। ऐसा ही कुछ सूर्या एनक्लेव की मेन एंट्री में ग्रीन बेल्ट/ पार्क में किया गया। पूर्व पार्षद शैली खन्ना ने बताया कि सरफेस वाटर टैंक बनाने के लिए सूर्या एनक्लेव मेन गेट एंट्री पर पड़ते पार्क को 10 अक्टूबर 2022 को बिना किसी अनुमति के उजाड़ दिया गया। 10 अक्टूबर 2022 को जब सूर्या एनक्लेव के मेन एंट्री गेट के साथ ग्रीन बेल्ट/ पार्क पर डिच चलाई गई तब ना सीवर बोर्ड और नगर सुधार ट्रस्ट के बीच कोई एमओयू साइन हुआ था, ना ही सरकार की तरफ से कोई परवानगी मिली और ना ही माइनिंग विभाग द्वारा इस जगह की खुदाई की अनुमति मिली । आज जहां इस साइट पर कोई काम नहीं हो रहा वहीं दूसरी और सूर्या एनक्लेव की मेन सड़क जो कि अभी 2 साल पहले ही बनी थी पाइप डालने के लिए तोड़ी जा रही है, जिस कारण सूर्या एनक्लेव की मेन सड़क बर्बाद हो गई है।

खन्ना ने बताया नगर सुधार ट्रस्ट पिछली सरकार के समय से ही सूर्या एनक्लेव की मेन एंट्री गेट पर बनी इस ग्रीन बेल्ट/ ग्राउंडस को हडपना चाहता है, जिसके लिए दो बार इन पार्कों की खुली नीलामी भी रखी गई कॉलोनी निवासियों के विरोध के बाद गत सरकार द्वारा इन बोलियों को रद्द ही करना पड़ा,पर पिछली सरकार ने इस ग्रीन बेल्ट में पेट्रोल पंप साइट का मता सरकार से पास करवाने में कामयाब रही।

पूर्व पार्षद शैली खन्ना ने कहा भ्रष्टाचार खत्म करने की बड़ी-बड़ी बातें कर सत्ता में आई मान सरकार ने भी इस मामले में जनता का हाथ ना पकड़कर पुराने फैसले को परवान कर सिर्फ आम आदमी का दिल ही नहीं दुखाया, बल्कि सूर्या एनक्लेव निवासियों को उनका हक दिलवाने में भी नाकाम रही। सूर्या एनक्लेव वेलफेयर सोसायटी 2021 से ही इस विवाद को लेकर कोर्ट में है और अब जल्द ही इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाने की भी तैयारी हो रही है।

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