दिल्ली: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेश्किआन के बीच रूस के कजान शहर में महत्वपूर्ण मुलाकात हुई। BRICS Summit के इतर इस बैठक में इजलाइल-हमास जंग, चाबहार पोर्ट और इंटरनैशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के विकास को लेकर गहन चर्चा की गई। इस मौके पर पीएम मोदी ने पश्चिम एशिया में बढ़ती हिंसा के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की और ईरान के साथ भारत की सहयोग की भूमिका को रेखांकित किया। PM मोदी की इस पहल को इजरायल के लिए चुनौती माना जा रहा है।प्रधानमंत्री मोदी ने इस संदर्भ में ब्रिक्‍स समिट ( BRICS Summit )में एक मजबूत संदेश दिया, जिसे इजरायल ने अनकहे डर के साथ सुना। उन्होंने चाबहार पोर्ट के आर्थिक और रणनीतिक महत्व पर जोर दिया, जिससे भारत, ईरान और अन्य पड़ोसी देशों का व्यापार बढ़ेगा। दोनों नेताओं ने यह सुनिश्चित किया कि ये परियोजनाएँ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के साथ-साथ मध्य एशिया और अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भी योगदान करेगी।हाल ही में चाबहार पोर्ट के निर्माण में भारत ने करोड़ों डॉलर का निवेश किया है, जो ईरान के साथ स्थायी संबंधों को दर्शाता है। पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान क्षेत्रीय स्थिरता के महत्व पर भी जोर दिया और सभी पक्षों के साथ अच्छे रिश्तों के माध्यम से शांति की पहल करने का आह्वान किया।

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