पंजाब विधानसभा में डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने BSF के बढ़े अधिकार क्षेत्र के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। - फाइल फोटो - Dainik Bhaskar

पंजाब विधानसभा में सीमा सुरक्षा बल  और केंद्र के तीन कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर दिए गए हैं। पंजाब सरकार इसे ऐतिहासिक बता रही है। हालांकि एक्सपर्ट मानते हैं कि यह सिर्फ सरकार का रोष मात्र है। जमीनी स्तर पर इसका कोई फायदा नहीं होने वाला। यही बात पंजाब में 2013 के कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट को लेकर है। यह एक्ट पहले लागू नहीं था।प्राइवेट थर्मल प्लांटों से बिजली समझौते में बिजली सस्ती मिली तो ही फायदा होगा। सरकार राजनीतिक तौर पर भले ही अपनी पीठ ठोके, लेकिन इन प्रस्तावों का केंद्र के फैसलों पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। खासकर अभी इन प्रस्तावों को गवर्नर के जरिए राष्ट्रपति तक पहुंचना है।

केंद्र ने नोटिफिकेशन जारी करके पंजाब में BSF का अधिकार क्षेत्र 15 से बढ़ा 50 किमी कर दिया। पंजाब विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पास कर केंद्र का नोटिफिकेशन रद्द कर दिया गया। हालांकि यह सिर्फ विरोध मात्र है। राज्य सरकार केंद्र के कानूनों को इस तरह खारिज नहीं कर सकती। यही वजह है कि सीनियर एडवोकेट और कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने अपनी सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी है। डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा ने भी विधानसभा में कहा कि वह HC और SC जाएंगे।किसानों के विरोध का कारण बने कृषि सुधार कानूनों को विधानसभा में रद्द कर दिया गया। हालांकि इससे कानून रद्द नहीं होंगे। देश की संसद में पारित कानून विधानसभा रद्द नहीं कर सकती। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम रहते इन्हें संशोधित किया था, लेकिन वे गवर्नर ऑफिस तक ही पेंडिंग रह गए। प्राइवेट थर्मल प्लांटों से बिजली खरीद समझौते बिजली ट्रिब्यूनल में पहुंच चुके हैं। ऐसे में सरकार ने इसे रद्द नहीं किया। केंद्र के एक्ट के तहत यह समझौते हुए। उस वक्त केंद्र में PM डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली UPA सरकार थी। इसीलिए पंजाब सरकार ने बिजली रेटों पर पुनर्विचार का रास्ता पकड़ा है। ऐसा हुआ तो ही पंजाब सरकार को फायदा होगा। दबाव बनाने के लिए राज्य सरकार ने विजिलेंस जांच का भी दांव खेला है।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।