मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के खिलाफ सीएम एकनाथ शिंदे वर्ली सीट पर सियासी बिसात बिछा चुके हैं. उद्धव ठाकरे के लाल आदित्य ठाकरे को पटखनी देने के लिए एकनाथ शिंदे ने पूरी स्क्रिप्ट लिख दी है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने वर्ली सीट के लिए अलग तरह की रणनीति बनाई है. उन्होंने इसके लिए खुद अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को मोर्चे पर लगा दिया है. पहले तो एकनाथ शिंदे ने मिलिंद देवड़ा को वर्ली सीट पर उतारकर उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे की मुसीबत बढ़ा दी. अब उन्होंने वर्ली सीट पर जीत की कहानी लिखने की जिम्मेदारी अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को थमा दी है.

दरअसल, एकनाथ शिंदे गुट न सिर्फ अपने उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा को जिताना चाहता है, बल्कि उद्धव वाली शिवसेना के विधायक आदित्य ठाकरे को भी घेरना चाहता है. शिंदे गुट चाहता है कि आदित्य ठाकरे 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस हाई-प्रोफाइल सीट में ही उलझे रहें. वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे को वॉक ओवर देने के मूड में एकनाथ शिंदे की शिवसेना जरा भी नहीं है. यही वजह है कि मिलिंद देवड़ा को उस सीट पर उतारकर शिंदे वाली शिवसेना ने बड़ी चाल चल दी है. इस चाल से उद्धव ठाकरे की मुसीबत बढ़ गई है. अब वर्ली सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो चला है.

एचटी की खबर के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और कल्याण से तीसरी बार लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे को वर्ली विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार की कमान सौंपी गई है. वह अभी से ही वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे को पटकने की फुलप्रूफ कहानी लिखने लगे हैं. उन्होंने रविवार दोपहर को सबसे पहले शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक मुख्य समूह के साथ बैठक की. श्रीकांत शिंदे ने आदित्य ठाकरे को इनविजिबल यानी अदृश्य विधायक बताया और कहा कि हमारी लड़ाई आदित्य ठाकरे के खिलाफ है. हमने आज बैठक की. लोग उस विधायक को हराना चाहते हैं जो उपलब्ध ही नहीं है. मिलिंद देवड़ा राज्यसभा सांसद हैं और वर्ली को अच्छी तरह से जानते हैं.’

सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे ने वर्ली सीट से बड़ा दांव खेला है. वर्ली से दो स्थानीय शिवसैनिक पार्टी का टिकट पाने की उम्मीद लगाए बैठे थे. मगर शिंदे ने उन्हें अपनी मंशा से अवगत कराया और बताया कि वह इस सीट से किसी हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार को उतारना चाहते हैं. वह चाहते थे कि किसी तरह वर्ली सीट पर शिंदे गुट का कब्जा हो. यही वजह है कि एकनाथ शिंदे ने मिलिंद देवड़ा पर दांव लगाया है. मिलिंद देवड़ा के आने से वर्ली सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है और आदित्य ठाकरे की राह मुश्किल हो गई है. बेटे श्रीकांत शिंदे के साथ पिता एकनाथ शिंदे ने वर्ली में पूरा जोर लगाने का प्लान बना लिया है. वर्ली सीट पर शिंदे वाली शिवसेना को भाजपा और अजित पवार वाली एनसीपी से भी पूरा सहयोग मिलेगा. भाजपा शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन का हिस्सा है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं, जबकि सभी 288 सीटों पर मतगणना 23 नवंबर को होगी.

मिलिंद देवड़ा इस समय राज्यसभा सदस्य हैं. वह दक्षिण मुंबई से तीन बार सांसद रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान देवड़ा को प्रभावशाली वर्ली विधानसभा क्षेत्र को संभालने का जिम्मा सौंपा गया था. उन्होंने इस क्षेत्र में हमेशा नेतृत्व का परिचय दिया है. राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले मिलिंद देवड़ा एक अनुभवी राजनेता हैं. उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी और शिपिंग जैसे कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाला है. केवल 27 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के सांसदों में से एक माने जाने वाले देवड़ा का भारतीय राजनीति में शुरुआती प्रवेश अभूतपूर्व था. उन्होंने 14वीं और 15वीं लोकसभा में प्रतिष्ठित मुंबई दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.

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