आज दिनांक 21/02/2025 (शुक्रवार) को स्थानीय ट्रिनिटी कॉलेज जालंधर में ट्रिनिटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स के निदेशक रेव. फादर पीटर कावामपुरम जी के नेतृत्व में पंजाबी विभाग द्वारा मातृभाषा दिवस को समर्पित “मातृभाषा पंजाबी: महत्व और भविष्य” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लायलपुर खालसा कॉलेज जालंधर के स्नातकोत्तर पंजाबी विभाग के प्रमुख डॉ. सुरिंदर पाल मंड जी ने रिसोर्स पर्सन के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत भक्ति संगीत से हुई। इसके बाद पंजाबी विभाग के प्रमुख प्रो. अशोक कुमार ने अपने भाषण के माध्यम से सभी का इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत किया। रिसोर्स पर्सन डॉ. सुरिंदर पाल मंड जी ने “मातृभाषा पंजाबी: महत्व और भविष्य” विषय पर एक बहुत ही रोचक व्याख्यान दिया। उन्होंने मातृभाषा दिवस के ऐतिहासिक महत्व की जानकारी देते हुए कहा कि मातृभाषा का मानव जीवन में बहुत महत्व है। मातृभाषा का मानव संस्कृति से गहरा संबंध है। इसलिए हमें अपनी मातृभाषा के प्रति सदैव सचेत रहना चाहिए। इसके बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय पराशर जी ने सभी को संबोधित करते हुए सभी को मातृभाषा दिवस की बधाई दी तथा सभी पंजाबियों को संदेश दिया कि वे अपनी मातृभाषा पंजाबी बोलें, पढ़ें व लिखें तथा पंजाबी होने पर गर्व महसूस करें। उन्होंने समस्त मानवता को समाज में व्यवहार करते समय अपनी मातृभाषा में बोलने के प्रति जागरूक भी किया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा को समर्पित निबंध लेखन एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किये गये। इस अवसर पर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रो. रूपिंदर कौर और सहायक प्रो. नवदीप नाहर के नेतृत्व में छात्रों ने जालंधर में पंजाब जागृति मंच द्वारा आयोजित एक रैली में भी भाग लिया। कार्यक्रम में ट्रिनिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय पराशर जी, आर्ट्स एवं भाषा विभागाध्यक्ष, रेव सिस्टर अलसीना जी, स्टूडेंट वेलफेयर इंचार्ज सहायक प्रो. निधि शर्मा, पंजाबी विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार, डा. प्रो. मलकियत सिंह, कम्प्यूटर विभागाध्यक्ष सहायक प्रोफेसर. जेसी जूलियन, सहायक प्रोफेसर. सतवंत कौर, सहायक प्रो. रूपिंदर कौर, सहायक प्रो. दलजीत कौर, डॉ. रेखा, सहायक प्रो. करणवीर, सहायक प्रोफेसर. प्रभजोत कौर, सहायक प्रो. रमण कुमार शर्मा, सभी अध्यापकगण एवं छात्रगण शामिल हुए। डॉ मलकियत सिंह ने अपने भाषण के माध्यम से इस कार्यक्रम में आने के लिए सभी का हार्दिक धन्यवाद किया। राष्ट्रगान के बाद यह कार्यक्रम अपनी अविस्मरणीय यादें छोड़कर समाप्त हो गया।मातृभाषा दिवस को समर्पित एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया[

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