वाल्मीकि जयंती महान लेखक और ऋषि महर्षि वाल्मीकि की जयंती के रूप में मनाई जाती है। पारंपरिक हिंदू
कैलेंडर के अनुसार, यह तिथि अश्विन के महीने के दौरान ‘पूर्णिमा’ (पूर्णिमा दिवस) पर आती है। महर्षि वाल्मीकि
जयंती इस प्रशंसित संत के सम्मान में मनाई जाती है। यह दिन भारत के उत्तरी क्षेत्रों में समर्पण के साथ मनाया जाता
है और इसे ‘प्रगति दिवस’ भी कहा जाता है।
आयोजन समारोह: इसी को ध्यान में रखते हुए एकलव्य स्कूल ने इस दिन एक कार्यक्रम का आयोजन किया है। छात्रों
क्यो “महर्जि वाल्मीकि की यात्रा” वीडियो दिखाया गया। साथ ही शिक्षिका हरजीत कौर ने भाषण दिया। उन्होंने महषि
वाल्मीकि के जीदन, उनकी पौराणिक कथाओं, रीति-रिवाजों और समारोहों के बारे में बात की। इस आयोजन का मूल
उद्देश्य बच्चों को त्योहारों के रीति-रिवाजों के बारे में जागरूक करना था। प्राइमरी के विद्यार्थियों ने पोस्टर मेकिंग
एक्टिविटी की। इन आयोजनों का मकसद बच्चों को हमारे देश की विभिन्न विविधताओं के बारे में शिक्षित करना
अध्यक्ष जेके गुप्ता, निदेशक सीमा हांडा और प्रधानाचार्य सुओऔ कोमल अरोड़ा, प्रशासक डिंपल्र मल्होत्रा
वहां उपस्थित थीं और उन्होंने कहा कि यह त्यौहार केक्ल मस्ती और मस्ती के बारे में नहीं है बल्कि इस त्यौहार में
झक महान धार्मिक है महत्व भी।