नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार (5 जुलाई) को लोकसभा में पेश किया जाएगा। लेकिन, उससे पहले संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया गया। आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2019-2010 में GDP (सकल घरेूल उत्पाद) की दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है। निवेश और खपत में इजाफे से जीडीपी में बढ़ोतरी देखी जाएगी। वित्त वर्ष 2019-2019 में सर्विस एक्सपोर्ट 14.38 लाख करोड़ रुपये रहा है। सर्विस एक्सपोर्ट 2 फीसदी से बढ़कर 3.5 फीसदी रहा। गुरुवार को मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम द्वारा तैयार आर्थिक सर्वे को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया।वित्त वर्ष 2019 के दौरान सामान्य घाटा 5.8% परबने का अनुमान है, जबकि 2018 में यह 6.4 फीसदी था। सर्वे में बताया गया है कि कृषि क्षेत्र में स्लो ग्रोथ पर दबाव, खाद्य उत्पाद कीमतें गिरने से प्रोडक्शन में कमी रहेगी। हालांकि, विदेश मुद्रा का पर्याप्त भंडार कायम रहेगा।आर्थिक समीक्षा सदन में पेश करने से पहले ट्वीट करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यम ने कहा, “मेरी और नई सरकार की पहली आर्थिक समीक्षा को संसद में पेश कर ने को लेकर उत्साहित हूं। साल 2018-19 की आर्थिक समीक्षा ऐसे वक्त में पेश की जा रही है जब अर्थव्यवस्था निर्माण और कृषि क्षेत्र की चुनौती से जूझ रही है। पिछले वित्त वर्ष में जनवरी-मार्च तिमाही की आर्थिक वृद्धि 5 साल के सबसे न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर आ गई।