भारतीय शेयर बाजार  के निवेशकों  के लिए हफ्ते ता पहला ट्रेडिंग सत्र ब्लैक मंडे  साबित हो रहा है. अमेरिका  समेत यूरोपीय देशों के मंदी में जाने के खतरे और महंगे होते कर्ज के कारण देसी विदेशी निवेशक लगातार मुनाफानसूली कर रहे हैं जिसके चलते मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक 1,000 अंकों नीचे जा फिसला तो निफ्टी 350 अंक नीचे जा लुढ़का जिसके चलते निवेशकों की संपत्ति को खासा नुकसान हुआ है. शेयर बाजार के निवेशकों की संपत्ति में 7 लाख करोड़ रुपये की सेंध लगी है.मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैपिटलाइजेशन  शुक्रवार को बाजार होने पर 276.65 लाख करोड़ रुपये था जो सोमवार को कारोबार शुरू होने के कुछ दो घंटे के गिरकर 269.86 लाख करोड़ रुपये रह गया. यानि निवेशकों को करीब 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. आपको बता दें 20 सितंबर, 2022 को बाजार आखिरी बार तेजी के साथ बंद हुआ था उस दिन मार्कट कैप 283.32 लाख करोड़ रुपये था. इसका अर्थ हुआ कि केवल चार कारोबारी सत्र में निवेशकों को 13.50 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.इस हफ्ते 28-30 सितंबर आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होने वाली है. दो महीने के गिरावट के बाद अगस्त महीने में फिर से खुदरा महंगाई दर में उजाफा देखने को मिला है. अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर 7 फीसदी रहा है. ऐसे में बाजार के जानकारों आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की संभावना जता रहे हैं. 30 सितंबर को आरबीआई 50 बेसिस प्वाइंट तक रेपो रेट बढ़ाने का एलान कर सकता है जिसके बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी से बढ़कर 5.90 फीसदी हो सकता है. जिसके बाद भारत में रिटेल लोन से लेकर बिजनेस लोन सभी महंगे हो जायेंगे जिसका असर मांग पर पड़ सकता है.

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