जालंधर : सेंट सोल्जर लॉ कॉलेज में उच्च शिक्षा संस्थाओं के लिए नई एजुकेशन पॉलिसी :एक मूल्यांकन
विषय पर एक सेमिनार करवाया गया जिसमें सेंट सोल्जर ग्रुप के चेयरमैन अनिल चोपड़ा ने सेमिनार का उद्घाटन
किया। एम् डी मनहर अरोड़ा ,कॉलेज डायरेक्टर्स ,प्रिंसिपल्स ,पॉलिटेक्निक ,होटल मैनेजमेंट ,लॉ ,इंजीनियरिंग
,एजुकेशन ,फार्मेसी के 80 अध्यापकों ने इस सेमिनार में भाग लिया। सेमिनार में सेंटर गवर्नमेंट की इस पालिसी को
अच्छा प्रयास बताते हुए उसका वेलकम किया। एम् डी मनहर अरोड़ा ने कहा के मैं वास्तव में इस नीति के
उन्मुखीकरण की सराहना करता हूं कि यह हमारे प्राचीन परीक्षण और शिक्षण के विश्वसनीय तरीकों और एक ही
समय में भारतीय ज्ञान प्रणालियों की सामग्री पर आधारित है। भारतीय मूल्यों जैसे अहिंसा, सेवा, स्वत्व, सत्य,
निश्काम कर्म आदि को पाठ्यक्रम में शामिल करने की वास्तव में आवश्यकता है। हमारे पास ऐसे विद्वानों की
समृद्ध विरासत है जिन्होंने एक आदर्श सभ्य समाज बनाने के लिए प्रचुर ज्ञान छोड़ा है।इस पालिसी में थ्री लैंग्वेज
फार्मूला (जिसमें हिंदी भाषा को भी प्रमोट किया जाना चाहिए ),स्कूल शिक्षा 3 वर्ष से शुरू होगी ,एजुकेशन में लिबरल
एप्रोच , रिसर्च बेस्ड एजुकेशन ,ग्लोबल लेवल पर एजुकेशन होगी। लॉ कॉलेज के डायरेक्टर डॉ सुभाष चंदर शर्मा ने
कहा के सेंटर गवर्नमेंट की यह पालिसी ग्राउंड लेवल पर इंडियन सोसाइटी की रियलिटी और इंडियन इकॉनमी के
अनुसार फैल हो सकती है इसका मुख्य कारण पालिसी का सेंटरलाइजड़ हो गई ,पोलिटिकल लीडर्स के हाथ में कण्ट्रोल
है और ब्यूरोक्रेट्स का प्राइवेट संस्थाओं की मैनेजमेंट में दखल हो जाएगा जिसके चलते एजुकेशन का स्टैण्डर्ड गिरेगा
और अच्छे शिक्षा संस्थान डाउन फॉल की तरफ बढ़ेंगे। डॉ अलका ने कहा के इस पालिसी को लागू करने से पहले
इसको पूरी तरह से जाना जाए और इसे एक साथ लागू ना करके पड़ाव मैं लागू किया जाए। डॉ वीना ने कहा के
वोकेशनल कोर्सेज का रिव्यु फिर से लिया जाए और ग्रेजुएशन के बाद कोर्सेज के रिजल्ट को भी मान्यता दी जाए।
चेयरमैन श्री चोपड़ा ने इस प्रयास को सराहा और कहा के शिक्षा प्रणाली में 5 + 3 + 3 + 4 की संरचना के साथ कम से
कम छात्र प्रगति के लिए उचित दृष्टिकोण देगा। शिक्षक, माता-पिता और छात्र को नियमित रूप से पता चल जाएगा
कि वे अपने ग्रेड या अंकों की निरंतरता में 5, 8, 12 कक्षा के बाद कहां खड़े हैं। प्रदर्शन को देखने के तुरंत बाद
सुधारात्मक उपाय किया जा सकता है, फिर मार्गदर्शन और परामर्श उन छात्रों को दिया जा सकता है जिन्हें इसकी
आवश्यकता है।उच्च शिक्षा में ग्लोबल स्तर को प्रापत करने के लिए गवर्नमेंट प्राइवेट संस्थाओं के छात्रों और शिक्षा
संस्थाओं की मदद के लिए आगे आए।

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