कन्या महाविद्यालय (स्वायत्त) ने “क्लीनिकल नमूनों से सीधे मास स्पेक्ट्रोस्कोपी आधारित सूक्ष्मजीवों की पहचान” पर एक अंतर्राष्ट्रीय वार्ता आयोजित की। वार्ता के वक्ता डॉ. मनोज कुशवाह, पोस्ट डॉक्टरल फेलो बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन, ह्यूस्टन, यूएसए से आए थे। डॉ. मनोज ने माइक्रोबायोलॉजी में मास स्पेक्ट्रोमेट्री और इसकी प्रासंगिकता को परिभाषित किया, विशेष रूप से नैदानिक सेटिंग्स में। उन्होंने नैदानिक निदान में रोगजनकों की तेजी से पहचान के महत्व पर चर्चा की, जिसमें उपचार और प्रकोपों को नियंत्रित करने के निहितार्थ शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मास स्पेक्ट्रोमेट्री कैसे काम करती है और नैदानिक नमूनों में सूक्ष्मजीवों की पहचान करने के लिए मास स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग करने में शामिल चरणों को रेखांकित किया (नमूना तैयार करना, आयनीकरण, डेटा अधिग्रहण और विश्लेषण)। उन्होंने मास स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग करने के लाभों पर चर्चा की, जैसे कि गति, सटीकता और व्यापक संवर्धन की आवश्यकता के बिना सीधे नैदानिक नमूनों से सूक्ष्मजीवों की एक विस्तृत श्रृंखला की पहचान करने की क्षमता। डॉ. कुशवाह ने व्याख्यान में उल्लिखित सीमाओं या चुनौतियों, जैसे मानकीकरण की आवश्यकता, डेटाबेस की सीमाएँ या जटिल नमूनों से जुड़ी समस्याओं पर भी बात की। प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अतिमा शर्मा द्विवेदी ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पीजी डिपार्टमेंट ऑफ जूलॉजी के शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।