अमृतसर /जालंधर :   अमृतपाल 18 मार्च को फरार हुआ था। उसके  इतने  दिनों के  बाद उसकी वीडियो सामने आई। इस वीडियो को किसी अन्य राज्य में शूट किया हो सकता हे

वारिस पंजाब दे के चीफ और खालिस्तान प्रचारक अमृतपाल सिंह की तलाश  अभी  भी जारी है। अमृतपाल को ढूंढने के लिए होशियारपुर में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अमृतपाल पर यह भी खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड से आने के बाद वह जालंधर में कपूरथला बॉर्डर के नजदीक एक डेरे में छुपा था लेकिन पंजाब पुलिस को भनक नहीं लगी।

कल अमृतपाल ने एक वीडियो जारी किया था। जिसकी जांच में पता चला कि इसे 28 मार्च को रिकार्ड किया गया और इसे नेपाल के साथ सटे उत्तर प्रदेश के इलाके में शूट किया गया था।

वहीं इस वीडियो को देश के बाहर से ब्रॉडकास्ट किया गया। पुलिस ने तीन IP एड्रेस आइडेंटिफाई किए हैं, जो कनाडा, यूके और दुबई से हैं। इन्हीं देशों से वीडियो को इंटरनेट पर डाला गया था।

वहीं इस मुद्दे पर पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बात की। शाह ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि कानून व्यवस्था के मामले में वह पंजाब के साथ चट्‌टान की तरह खड़े हैं। मैं हर तीन महीने में पंजाब के CM भगवंत मान को मिलता हूं।

किसी भी राज्य में लॉ एंड ऑर्डर होता है तो पार्टीबाजी से ऊपर उठकर केंद्र उनके साथ खड़ी होती है। पंजाब सरकार इस मामले में जो भी कदम उठा रही है, केंद्र उनके साथ है। अमृतपाल के सारी तैयारियों के बाद भी बचकर निकलने पर शाह ने कहा कि ऐसी बातें सार्वजनिक तौर पर नहीं कही जा सकती।

18 मार्च  के बाद अमृतपाल पहली बार वीडियो में नजर आया।

अमृतपाल को न पकड़ पाने में गलती पर अमित शाह ने कहा कि इतनी जल्दी इसका आकलन नहीं करना चाहिए। कई लोगों की गिरफ्तारी हुई। NSA भी लगाया गया। अमृतपाल के जल्द पकड़े जाने पर शाह ने कहा कि पुलिस और एजेंसियां काम कर रही हैं, इन्हें सार्वजनिक करने की जगह इसी तरह से टेकल करना चाहिए।

अमृतपाल सिंह के नदीकी साथी वरिंदर सिंह के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ा में मामला दर्ज किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार वरिंदर सिंह का जम्मू-कश्मीर से हथियारों का लाइसेंस बना हुआ था। जिसे पिछले सप्ताह ही रद्द कर दिया गया था।वरिंदर सिंह का यह लाइसेंस 2014 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ा से बनाया गया था। लेकिन जांच में सामने आया कि वरिंदर सिंह ने फेक डॉक्यूमेंट देकर यह लाइसेंस बनाया था। वरिंदर ने डॉक्यूमेंट दिए थे कि वे आर्मी में है। लेकिन यह गलत था। इसी आधार पर उसे हथियारों का लाइसेंस दिया गया था। डॉक्यूमेंट गलत पाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।