दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली में आबकारी नीति के कथित घोटाला मामले में मंगलवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और कारोबारी विजय नायर को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं। अधिकारियों ने बताया कि काफी समय तक विदेश में रहे नायर को मंगलवार को एजेंसी के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। आम आदमी पार्टी के साथ वह 2014-15 में जुड़े थे। साल 2014 और 2018-19 के बीच उनकी भूमिका ज्यादातर सोशल मीडिया रणनीति बनाने, पार्टी के इवेंट्स कराने और फंडरेजिंग (धन उगाही) तक सीमित थी। यानी आम आदमी पार्टी के लिए फंड जमा करने के लिए इवेंट ऑर्गनाइज करने की जिम्मेवारी उन्हीं पर थी। पार्टी के एक नेता ने कहा कि 2020 के दिल्ली चुनावों में आम आदमी पार्टी की शानदार जीत के बाद पार्टी में उनका कद बढ़ गया। वह अभी पार्टी के शीर्ष नेताओं में से हैं। विजय नायर ने हमेशा पर्दे के पीछे रहना पसंद किया। हमारे कुछ सबसे स्मार्ट सोशल मीडिया अभियानों और पोस्ट्स के पीछे उन्हीं का दिमाग था। फिर 2019 में उनकी भूमिका बदलने लगी। वह सोशल मीडिया से आगे निकल गए और पार्टी को न केवल संचार बल्कि राजनीति, प्रचार, घोषणापत्र और नीतिगत मामलों पर भी सलाह देना शुरू कर दिया। वहीं सूत्रों ने बताया कि नायर को राष्ट्रीय राजधानी में शराब के ठेकों के लाइसेंस के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में ‘‘गुटबंदी” तथा ‘‘षडयंत्र” में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आप ने अपने संचार प्रभारी नायर की गिरफ्तारी की निंदा की और आरोप लगाया कि यह आप को कुचलने तथा गुजरात में उसके अभियान को अवरुद्ध करने की भाजपा द्वारा की जा रही ‘‘कोशिश” का हिस्सा है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के सहायक अर्जुन पांडे ने नायर की ओर से शराब कारोबारी समीर महेंद्रु से करीब दो से चार करोड़ रुपये नकद लिए थे। नायर मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ‘ओनली मच लाउडर’ के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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