चंडीगढ़ : आज से करीबन 90 साल पहले भारत के महान क्रांतिकारी  और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह  को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई. इस दिन भगत सिंह के साथ सुखदेव था और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया. इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस  मनाया जाता है. भगत सिंह ने 23 साल की युवा उम्र में ही मां भारती की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली.भगत सिंह ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें देखते हुए कई लोगों ने क्रांतिकारी मार्ग को अपनाया. हालांकि, कई लोग भगत सिंह से सहमत होते हुए नजर नहीं आए. लेकिन कई लोगों ने भगत सिंह का समर्थन भी किया. ऐसे में आइए भगत सिंह जुड़े कुछ अनसुने फैक्ट्स को जाना जाए…

भगत सिंह के माता-पिता ने जब उन पर शादी का दबाव बनाया, तो वह घर छोड़कर कानपुर के लिए निकल पड़े. उन्होंने कहा था कि अगर उन्होंने गुलाम भारत में शादी की, तो उनकी दुल्हन की मौत होगी. इस तरह आगे चलकर उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का हाथ थाम लिया.

भगत सिंह जलियांवाला बाग हत्याकांड से इतने परेशान थे कि उन्होंने घटनास्थल का दौरा करने के लिए स्कूल तक बंक किया था. कॉलेज में वह एक शानदार एक्टर थे.भगत सिंह ने सुखदेव के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने की योजना बनाई और लाहौर में पुलिस अधीक्षक जेम्स स्कॉट को मारने की साजिश रची. हालांकि, गलत पहचान की वजह से सहायक पुलिस अधीक्षक जॉन सॉन्डर्स को गोली मार दी गई थी

जन्म से एक सिख होने के बाद भी भगत सिंह ने अपनी दाढ़ी मुंडवा ली और बाल कटवा लिए थे. ऐसा उन्होंने इसलिए किया था, ताकि जॉन सॉन्डर्स की हत्या को लेकर होने वाली गिरफ्तारी के दौरान कोई उन्हें पहचान नहीं पाए. वह लाहौर से कलकत्ता भागने में सफल रहे थे.

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