जालंधर 9 मार्च( ) भारतीय जनता पार्टी पंजाब प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अश्विनी शर्मा व जालंधर शहर के पूर्व मेयर व भाजपा पंजाब प्रदेश के महामंत्री राकेश राठौर के साथ आढ़तिया एसोसिएशन पंजाब का शिष्टमंडल अध्यक्ष रविंद्र सिंह चीमा, महामंत्री जसविंदर सिंह राणा के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, मंत्री पीयूष गोयल के साथ मिला जिसमें उन्होंने अनाज मंडियों में आढ़ती समुदाय को आ रही मुश्किलों का हल करने हेतु एक ज्ञापन केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल जी को सौंपा जिसमें उनके तीन मुख्य मुद्दे थे जिस पर उन्होंने केंद्र सरकार को इस पर विचार करने के लिए कहा
1.पंजाब कृषि कानून के अनुसार ढाई परसेंट कमीशन गेहूं और धान की खरीद पर आढ़ती को मिलनी चाहिए
जिस पर उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 तक केंद्रीय भंडारण के लिए खरीद की जाने वाली धान व गेहूं की फसल पर आढ़तियों को 2.5% कमीशन मिलता था और भारतीय खाद्य निगम के मंडी खर्च में स्पष्ट लिखा होता था की आड़त मजदूरी में अन्य खरीद खर्च प्रांतीय कृषि कानून के नियमों के अनुसार दिए जाएंगे परंतु वर्ष 2021 से भारतीय खाद्य निगम ने अपनी खरीद खर्चों की सूची में आड़त का कमीशन 2.5% ना देकर ₹46 प्रति क्विंटल की दर पर देने के लिए निर्देश जारी कर किया था इस वर्ष धान की खरीद में 50 पैसे प्रति क्विंटल कम कर दिए गए हैं भारतीय खाद्य निगम का यह निर्णय न केवल हमारे लिए दुखदाई है बल्कि प्रांतीय कृषि कानून का भी उल्लंघन है
2.मजदूर की मजदूरी भी पंजाब कृषि कानून के अनुसार नोटिफाई दर पर मिलनी चाहिए
जिसमें उन्होंने यह मांग की थी कि वर्ष 2020 तक केंद्रीय भंडारण के लिए खरीद की जाने वाली धान व गेहूं पर खरीद की गई फसल बोरियों में भराई,तुलाई,सिलाई वह ट्रैकों में लोड के खर्चे वह मजदूरी कृषि कानून के अनुसार नोटिफाई दर पर मिलती थी और भारतीय खुराक निगम के मंडी खर्चों में यह स्पष्ट लिखा होता था की आड़त मजदूरी में अन्य खरीद खर्च प्रांतीय कृषि कानून के नियमो के अनुसार दिए जाएंगे परंतु वर्ष 2021 से भारतीय खाद्य निगम मजदूरी खर्चों में भी कटौती कर रहा है जिसमें लगभग ₹4 से ₹5 पर क्विटल मजदूरी कम मिल रही है
3.फसल की अदायगी पंजाब कृषि कानून के अनुसार किसान की इच्छा अनुसार मिलनी चाहिए आढ़तिया संगठन के सदस्यों ने बताया कि देश में पंजाब का कृषि मंडी करण कानून पूरे देश में एक मॉडल माना जाता है जिसको आधार मानकर केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2003 में राज्य सरकारों को अपने-अपने प्रांतीय कृषि कानून बनाने के दिशा निर्देश दिए गए थे पंजाब के कृषि कानून में किस को यह सुविधा दी गई थी कि वह अपनी उपज की रकम खरीदार या आड़ती के माध्यम से अपनी इच्छा अनुसार ले सकता है यह निर्णय प्रांतीय सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के निर्देशों पर लिया गया था परंतु पंजाब में सरकारी खरीद के लिए जो पोर्टल चलाया जाता है उसमें किस को यह सुविधा नहीं दी जा रही
राकेश राठौर व अश्विनी शर्मा ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल की आढ़तिया एसोसिएशन पंजाब के सदस्यों के साथ हुई बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है जिसमें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल ने उनकी मांगों को पहल के आधार पर हल करने का आश्वासन दिया है और उन्होंने कहा कि इन सभी मसलों को कुछ ही दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार द्वारा हल कर दिया जाएगा और किसी भी आढ़ती और किसान को किसी भी तरह की कोई मुश्किल नहीं आने दी जाएगी