जालंधर:- मां बगलामुखी जी के सिद्ध स्थान मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में आज श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन किया गया।
सर्व प्रथम मुख्य यजमान शशिभूषण से विधिवत वैदिक रीति अनुसार पंचोपचार पूजन, षोढषोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई।
इस अवसर पर सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी दिव्य हवन यज्ञ में उपस्थित प्रभु भक्तों को कहा कि आत्मा परमात्मा का अंश है। मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार को आत्मा में लय कर देना ही योग है। इस प्रकार योग अंतर्जगत की यात्रा है। इसमें साधक को अपने भीतर उतरना होता है। वह भीतर और भीतर उतरता चला जाता है। फिर एक दिन वह क्षण आता है जब उसकी आत्मा प्रकाश से प्रकाशित हो उठती है। उसका अज्ञान नष्ट हो जाता है।
आत्मा शरीर, मन और बुद्धि से परे है। इन तीनों को आत्मा में लय करके ही साधक आत्मानुभव की इस स्थिति को प्राप्त कर पाता है। इसी को श्रीमद् भगवद्गीता में स्थितप्रज्ञ (अपने भीतर के ज्ञान की परम अनुभूति) कहा गया है। इस स्थिति में साधक जो अनुभव करता है उसकी अभिव्यक्ति सहज संभव नहीं हो पाती।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि हमारे संत और भक्त कवियों ने ईश्वर की इस अनुभूति को प्रतीकात्मक भाषा में व्यक्त किया है। संत कबीरदास और सूरदास ने ईश्वर की अनुभूति को विभिन्न प्रतीकों के रूप में व्यक्त किया है।
संत सूरदास कहते हैं कि हैं कि जैसे गूंगे को मीठा फल बहुत अच्छा लगता है, लेकिन वह उसकी अभिव्यक्ति नहीं कर सकता, कुछ वैसी ही स्थिति साधक की भी होती है। वह भी अकथनीय आनंद-रस में डूब जाता है। आत्मतत्व के प्रकाशित होते ही साधक आत्म-साक्षात्कार के बाद सामूहिक साक्षात्कार की ओर कदम बढ़ाता है। इसलिए साधक सर्वत्र, सभी में उसी का दर्शन पाने लगता है। उसका मन प्रेम और करुणा से भर जाता है और तब वह केवल अपने लिए नहीं, समाज और देश के लिए जीने लगता है। उसका प्रत्येक कर्म दूसरों के हित और कल्याण के लिए होता है।
नवजीत भारद्वाज ने गत दिवस मां बगलामुखी धाम में आयोजित छप्पन भोग में सम्मिलित होने वाले सभी भक्तजनों का हार्दिक धन्यवाद किया एवं ऐसे ही धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आवाहन किया।
इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज,अनु ,पूनम प्रभाकर,सरोज बाला, रुपम प्रभाकर,सुनीता, अंजू,आरती , प्रिया , गुरवीर, प्रिती ,मंजू, प्रिया , रजनी, सोनीया,नरेश, अमरजीत सिंह, राकेश प्रभाकर, समीर कपूर, अमरेंद्र कुमार शर्मा, नवदीप, उदय ,अजीत कुमार , प्रदीप,नरेंद्र,रोहित भाटिया,बावा खन्ना, विनोद खन्ना, नवीन जी, प्रदीप, सुधीर, सुमीत, बावा हलचल ,जोगिंदर सिंह, मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता, अवतार सैनी,परमजीत सिंह,गौरी केतन शर्मा,सौरभ , नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू,संजीव शर्मा, भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, अर्जुन ,गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा,शर्मा,वरुण, नितिश, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, अंकित ,रोहित , जगरुप , मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, सुनील जग्गी, अमित,नवीन कुमार, ऋषभ कालिया, अभिषेक भनोट,निर्मल,अनिल,सागर,दीपक, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, बलदेव सिंह भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।
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