दिल्ली:जी-20 के शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के लिए भारत मंडपम् में भारतीय आदिवासी कला, संस्कृति और शिल्प की एक प्रदर्शनी लगायी गयी है जिसमें पिथौरा कला की सजीव प्रस्तुति होगी। राष्ट्रीय राजधानी में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान आदिवासी कला की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गयी है। इस शिखर सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्ष, यूरोपीय संघ और आमंत्रित अतिथि देशों के शीर्ष अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 14 प्रमुखों के शामिल होने की संभावना है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय का ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड)‘ट्राइब्स इंडिया’मंडप में पारंपरिक जनजातीय कला, कलाकृतियों, पेंटिंग, मिट्टी के बर्तन, वस्त्र, जैविक प्राकृतिक उत्पादों और कई अन्य चीजों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन कर रहा है। यह प्रदर्शनी नो और 10 सितंबर को भारत मंडपम, नयी दिल्ली में जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के हिस्से में आयोजित की जा रही है। पिथौरा कला के प्रसिद्ध कलाकार, पद्मश्री से सम्मानित परेश राठवा और गुजरात और मध्य प्रदेश की राठवा, भिलाला, नाइक और भील जनजातियों की पूजा और अनुष्ठानिक कला का जीवंत प्रदर्शन करेंगे। मध्य प्रदेश की गोंड पेंटिंग और ओडिशा के कारीगरों की सौरा पेंटिंग, लेह-लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों से अंगोरा और पश्मीना शॉल के अलावा, बोध और भूटिया जनजातियों की कलाकृतियां प्रदर्शनी में शामिल हैं। इसके अलावा नागालैंड के कोन्याक आदिवासियों के रंग-बिरंगे आभूषण हैं। मध्य प्रदेश की महेश्वरी रेशम साड़ियां प्रदर्शित की गयी हैं। इन्हें बोडो जनजाति निर्मित करती है। विश्व नेताओं के लिए पिघली हुई धातुओं, मोतियों, रंगीन कांच के टुकड़ों, लकड़ी की गेंदों से बने ढोकरा आभूषण भी प्रदर्शनी में रखे गए हैं। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आदिवासी कारीगर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

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