ऊना, हिमाचल प्रदेश | 8 फरवरी 2025 – इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (IIU) ने “विकसित भारत@2047 – बहु-विषयक अकादमिक अनुसंधान के माध्यम से उपलब्धि की दिशा में एक प्रयास” विषय पर एक भव्य अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस शानदार शैक्षणिक कार्यक्रम में भारत और विश्वभर से प्रख्यात शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। हाइब्रिड मोड में आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक समावेश, तकनीकी नवाचार, शासन सुधार, पर्यावरणीय स्थिरता और वैश्विक नेतृत्व जैसे प्रमुख विषयों पर गहन विचार-विमर्श करना था, ताकि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की रणनीतियाँ तैयार की जा सकें।सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) बी.सी. शर्मा, जो जम्मू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं, ने अपने प्रेरणादायक भाषण में शिक्षा, नवाचार और व्यावसायिक उत्कृष्टता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत के आर्थिक और शैक्षणिक विकास में अनुसंधान और नवाचार की भूमिका को रेखांकित किया। अपने दशकों के शिक्षण और अनुसंधान अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे नए विचारों और नीतिगत अनुसंधान से भारत को 2047 तक एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया जा सकता है। उनके विचारों ने उपस्थित शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्रों को अनुसंधान में नवाचार, गुणवत्ता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।सम्मेलन का शुभारंभ एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुआ, जिसमें प्रो. (डॉ.) संजय कुमार बहल, कुलपति, और प्रो. (डॉ.) जगदेव सिंह राणा, रजिस्ट्रार ने सभी प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने शोध एवं नवाचार की महत्ता पर जोर दिया और इस सम्मेलन को वैश्विक अकादमिक सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कैसे यह सम्मेलन भारत को 21वीं सदी में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा, साथ ही इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित किया जाएगा।
इस सम्मेलन में चीन, उज्बेकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित विभिन्न देशों के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने भाग लिया। उनकी उपस्थिति ने वैश्विक सहयोग की महत्ता को रेखांकित किया। प्रमुख वक्ताओं में डॉ. मनोज नैनवाल (बीजिंग विश्वविद्यालय, चीन), प्रो. (डॉ.) सेदीघेह शाकिब कोतमजानी (सेंट्रल यूनिवर्सिटी, उज्बेकिस्तान) और प्रो. (डॉ.) विपिन गुप्ता (कैलिफ़ोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका) शामिल थे, जिन्होंने तकनीकी नवाचार, आर्थिक सुधार, शासन, और सतत विकास जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक एवं प्रबंधन संकाय के डीन, डॉ. ए. एच. खान के नेतृत्व में यह कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा। उन्होंने इस सम्मेलन की सफलता में योगदान देने वाले सभी विद्वानों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के प्रति आभार प्रकट किया और अनुसंधान-आधारित रणनीतियों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

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