वीरबार को इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में नए सत्र का शुभारंभ हवन करके किया
गया । जिसमे यूनिवर्सिटी के सभी छात्रों और स्टाफ मेम्बेर्स भी मौजूद रहे।
आदिकाल से ही सनातन संस्कृति में सुख-सौभाग्य के लिए हवन-यज्ञ की परंपरा
रही है। औषधीय युक्त हवन सामग्री से हवन-यज्ञ करने से पर्यावरण शुद्ध होगा,
वहीं वायरस का संक्रमण भी नष्ट हो जाएगा। अनेक वैज्ञानिकों एवं धर्मगुरुओं ने
कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए एवं वातावरण की शुद्धि के लिए हवन
यज्ञ का अद्भुत लाभ बताया है। जिस स्थान पर हवन किया जाता है, वहां
उपस्थित लोगों पर तो उसका सकारात्मक असर पड़ता ही है साथ ही वातावरण में
मौजूद रोगाणु और विषाणुओं के नष्ट होने से पर्यावरण भी शुद्ध होता है,शरीर
स्वस्थ्य रहता है। क्योंकि हवन में काम में ली जाने वाली जड़ी बूटी युक्त हवन
सामग्री, शुद्ध घी, पवित्र वृक्षों की लकड़ियां, कपूर आदि के जलने से उत्पन्न अग्नि
और धुएं से वातावरण शुद्ध तो होता ही है,नकारात्मक शक्तियां भी दूर भागती हैं।
इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में बी टेक (सीएसई, एमई, सीई), बीसीए, बी एससी
मैथ्स- ऑनर्स, बी एससी केमिस्ट्री, बी एससी भौतिकी, एम एससी गणित, एम
एससी केमिस्ट्री, एम एससी फिजिक्स, एमसीए, पीएचडी फिजिक्स, पीएचडी
केमिस्ट्री, डी फार्मेसी, बी फार्मेसी, बीबीए, बी कॉम, बीएचएम, एमबीए, पीएचडी
मैनेजमेंट, एम.टेक (सीएसई, एमई, सीई), जैसे कोर्स में दाखिला लेने जे लिए इंडस
इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में विजिट कर सकते हैं। इछुक विद्यार्थी अभी दाखिले के
लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस मौके पर कुलपति इंडस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार
बहल और रजिस्ट्रार इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉक्टर पलविंदर कुमार ने भी
सभी बचो का नए सत्र में स्वागत किया।

Disclaimer : यह खबर उदयदर्पण न्यूज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। उदयदर्पण न्यूज़ इस खबर की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है। यदि इस खबर से किसी व्यक्ति अथवा वर्ग को आपत्ति है, तो वह हमें संपर्क कर सकते हैं।