नई दिल्ली । दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद से केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की सक्रियता देखकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक हलकों में अंदाजा लगाया जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व उन्हें दिल्ली में पार्टी का चेहरा बनाने की तैयारी कर रहा है। स्थानीय होना: स्मृति ईरानी दिल्ली में पैदा हुईं और यहीं से शिक्षा ग्रहण की।

अच्छी वक्ता: स्मृति ईरानी एक अच्छी वक्ता है। वह कई बार भारतीय जनता पार्टी की ओर से पत्रकार वार्ता के दौरान मुखर होकर अपनी बात रखती हैं।

महिला नेता होना: दिल्ली में महिला मतदाता मुखर होकर वोट करती हैं। वह परिवार के मुखिया के इतर सोचकर मतदान करने में विश्वास रखती हैं। ऐसे में स्मृति ईरानी मतदाताओं पर गहरा असर डाल सकती है।

जुझारू होना : स्मृति ईरानी की जुझारू छवि देश ने देखी है। किस तरह उन्होंने अमेठी मेे राहुल गांधी को हराया।

भाजपा वर्ष 1998 से दिल्ली की सत्ता से दूर है। सत्ता का वनवास दूर करने के लिए पार्टी को दिल्ली में केजरीवाल को मजबूत टक्कर देने वाले नेता की तलाश है। पार्टी ने भोजपुरी के लोकप्रिय कलाकार और सांसद मनोज तिवारी को यहां अपना चेहरा बनाने की कोशिश की। पार्टी नेतृत्व को उम्मीद थी कि पुरबिया मतदाताओं के सहारे अरविंद केजरीवाल को मात देने में वह सफल रहेंगे, लेकिन यह संभव नहीं हुआ।

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